धीरेंद्र शास्त्री से खुन्नस निकालने शिवरंजनी के पिता ने रची थी साजिश! बेटी को बनाया था मोहरा, लेकिन खुल गई पोल

धीरेंद्र शास्त्री से खुन्नस निकालने शिवरंजनी के पिता ने रची थी साजिश! Shivranjani's father hatched a conspiracy to get rid of Dhirendra Shastri

धीरेंद्र शास्त्री से खुन्नस निकालने शिवरंजनी के पिता ने रची थी साजिश! बेटी को बनाया था मोहरा, लेकिन खुल गई पोल
Modified Date: June 18, 2023 / 10:50 pm IST
Published Date: June 18, 2023 10:50 pm IST

छतरपुरः बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर यानि पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से कथित तौर पर शादी करने की चाह रखने वाली लड़की शिवरंजनी के झूठ से नकाब उतरा तो IBC24 ने हकीकत जानने के लिए शिवरंजनी से बात करने की कोशिश की लेकिन शिवरंजनी का कोई अता पता नहीं चला। लेकिन शिवरंजनी के पिता को जरूर ढूंढ निकाला और जब उनसे सवाल जवाब का सिलसिला शुरू हुआ तो उनकी हवाइयां उड़ गई। इतना ही नहीं IBC24 संवाददाता के सवाल जवाब के सिलसिले के बाद से वो शिवरंजनी के पिता भी लापता हो गए।

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इसके बाद हम अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ाते हुए उस सेवादार के घर पहुंचे जिसने पता बताने के नाम पर पहले तो IBC24 की टीम के खूब यहां वहां घुमाया। लेकिन आखिरकार गायब शिवरंजनी की तलाश में हम सावित्री राठौर के उस घर तक जा पहुंचे जहां शिवरंजनी तो नहीं मिली लेकिन हाथ लग गए उसके पिता बैजनाथ तिवारी जो मारकंडे तेल का प्रचार कर रहे थे और इसी के लिए पूरी साजिश रचने के जिम्मेदार हैं। जब उनसे पूछा गया तो वह इधर-उधर की बात करते नजर आए सीधा सवाल ये था क्या कोई व्यक्ति जिसकी उम्र 20 वर्ष हो वह मात्र 4 घंटे में 30 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है और बागेश्वर धाम से उनकी कया दुश्मनी है तो उसने गोलमोल जवाब देने लगा।

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बैजनाथ तिवारी ये IIT पास बताए जाते हैं। उनका एक 15 साल का बेटा भी है और बताया जाता है कि मारकंडे तेल के प्रचार के लिए बागेश्वर धाम गए थे। जहां पहले तो ये तेल को मुफ्त में देने की बात कर रहे थे लेकिन बाद में इसकी वसूली करने लगे, जिसके बाद उन्हें बागेश्वर धाम से निकाल दिया गया था। बस इसी बात की खुन्नस निकालने के लिए इन्होने परे परिवार से साजिश में शामिल कर लिया। हालांकि अब ये भी गायब हो चुके हैं।

 


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।