Singrauli News: सरकारी स्कूल में ‘जय श्री राम’ बोलने पर सज़ा… छात्रों को इस धर्म को मानने के लिए दबाव बनाते थे गुरुजी… ऐसे खुला शिक्षक की करतूतों का राज
छात्रों और ग्रामीणों की सजगता के कारण ही यह मामला प्रशासन के संज्ञान में आया। अब यह जिम्मेदारी जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की है कि वे जांच कर बच्चों और समुदाय की भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित करें।
Singrauli News / Image Source: IBC24
- छात्रों ने शिक्षक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
- जिला प्रशासन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया।
- आरोप में धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप और मोबाइल जब्त।
Singrauli News: सिंगरौली: सिंगरौली जिले के करेला गांव के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक बार फिर से धर्म से जुड़े विवाद का मामला सामने आया है। इस मामले में छात्रों ने अपने ही शिक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
पूरा मामला सिंगरौली जिले के करेला गांव के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है जहां के कुछ छात्र आज जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और जिला कलेक्टर से इस बात की शिकायत की है कि विद्यालय में पदस्थ शिक्षक दशरथ साकेत के द्वारा छात्र-छात्राओं को हिंदू धर्म से जुड़े बच्चों को परेशान किया जाता है। इन छात्रों का गंभीर आरोप है कि विद्यालय में मां सरस्वती की पूजा करने पर परेशान किया जाता है, प्रभु राम का नाम लेने पर भी सजा दी जाती है इसके अलावा धार्मिक गाने एवं धार्मिक कार्यक्रम से दूरी बनाने के लिए दबाव शिक्षक के द्वारा बनाया जाता है बच्चों का आरोप है कि शिक्षक दशरथ साकेत के द्वारा बौद्ध धर्म के लिए प्रेरित किया जाता है।
छात्रों की शिकायत
मामले की गंभीरता को देखते हुए आज दर्जनों छात्र और ग्रामीण जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। उन्होंने सीधे जिला कलेक्टर गौरव बैनल से शिकायत की कि विद्यालय में पदस्थ शिक्षक बच्चों को धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने से रोकते हैं। छात्रों का आरोप है कि मां सरस्वती की पूजा करने पर उन्हें दंड दिया जाता है और प्रभु राम का नाम लेने पर भी उन्हें परेशान किया जाता है। इसके अलावा, छात्रों ने ये भी आरोप लगाया कि शिक्षक उन्हें धार्मिक गाने या कार्यक्रमों में भाग लेने से रोकते हैं और उन्हें बौद्ध धर्म की ओर प्रेरित करने का दबाव बनाया जाता है। जब कुछ छात्रों ने इस परेशानी का वीडियो बनाया, तो शिक्षक ने उनका मोबाइल जब्त कर लिया और वीडियो को हटवाने के लिए दबाव डाला।
छात्रों ने की कलेक्टर से कार्रवाई की मांग
विद्यालय के छात्रों के साथ ही गांव के कई ग्रामीण भी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने गंभीर आरोपों की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। ग्रामीणों और छात्रों का कहना था कि इस तरह के घटनाक्रम से बच्चों के मनोबल और धार्मिक स्वतंत्रता पर असर पड़ता है। छात्रों की शिकायत के बाद जिला कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रशासनिक स्तर पर जांच कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक टीम का गठन किया जाएगा जो पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच करेगी।
शिक्षा अधिकारी ने ये भी कहा कि बच्चों की धार्मिक स्वतंत्रता और सुरक्षित शैक्षणिक माहौल सुनिश्चित करना प्राथमिकता है। इस प्रकार, किसी भी शिक्षक द्वारा बच्चों को किसी भी प्रकार से धार्मिक गतिविधियों में बाधित करने की घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
समाज और शिक्षा जगत के लिए चेतावनी
सिंगरौली जिले में इस तरह का मामला यह संदेश देता है कि शिक्षा संस्थानों में न केवल पढ़ाई बल्कि बच्चों की धार्मिक और मानसिक सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी। छात्रों और ग्रामीणों की सजगता के कारण ही यह मामला प्रशासन के संज्ञान में आया। अब ये जिम्मेदारी जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की है कि वो जांच कर बच्चों और समुदाय की भावनाओं का सम्मान सुनिश्चित करें।
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