Ratlam News: अंधविश्वास में अपनों का कत्ल! जेठानी ने बेटों संग मिलकर अपनी ही देवरानी को उतारा मौत के घाट, बोली- ‘वो डायन थी.. सबको खा गई

अंधविश्वास में अपनों का कत्ल! जेठानी ने बेटों संग मिलकर अपनी ही देवरानी को उतारा मौत के घाट, Sister-in-law, along with her sons, killed her own sister-in-law.

Ratlam News: अंधविश्वास में अपनों का कत्ल! जेठानी ने बेटों संग मिलकर अपनी ही देवरानी को उतारा मौत के घाट, बोली- ‘वो डायन थी.. सबको खा गई
Modified Date: September 28, 2025 / 12:04 am IST
Published Date: September 27, 2025 10:55 pm IST

रतलामः Ratlam News: 21वीं सदी के इस युग में दुनिया चांद और अंतरिक्ष पर घर बनाने की तैयारी कर रही है तो दूसरी ओर भारत के अंदरुनी गांवों में अंधविश्वास अभी भी हावी है। इस अंधविश्वास के चलते कई लोग तो हत्या जैसी वारदात को भी अंजाम दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के रतलाम जिले से सामने आया है। यहां भीमपुरा गांव में 48 वर्षीय महिला को डायन मानकर उसके ही परिवार के लोगों ने हत्या कर दी। इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

रतलाम एसपी अमित कुमार ने बताया कि पूरा मामला रतलाम के रावटी थाने के भीमपुरा गांव का है। यहां रहने वाली 48 वर्षीय नानीबाई भूरिया की दो दिन पहले ही घर के सामने लाश मिली थी। छत पर सो रही अधेड़ कि आरोपियों ने धार-धार हथियार से हत्या कर उसकी शव को छत से नीचे फेंक दिया था। मृतिका अपने पोता-पोती के साथ छत पर सो रही थी। हत्याकांड के बाद पुलिस के फोरेंसिक एक्सपर्ट और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की बारीकी से जांच शुरू की । ग्रामीणों से पूछताछ की और मृतिका के परिवार में जानकारी जुटाई तो सारे हत्याकांड के तार जुड़ते चले गए।

तंत्र-मंत्र की आशंका के चलते वारदात

दरअसल मृतिका नानीबाई ऊर्फ नर्मदाबाई की जेठानी धन्नाबाई भूरिया के परिवार में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था। उसके पति की मौत हो चुकी थी, जबकि उसकी बहू और उसके घर के अन्य दो सदस्यों की भी अकाल मौत हो गई थी। इन सभी मौते के लिए धन्नाबाई अपनी देवरानी नर्मदाबाई को जिम्मेदार मान रही थी। आरोपी मृतिका को डायन मानते थे और उन्हें आशंका थी नर्मदाबाई उनके परिवार पर तंत्र-मंत्र करती है। इसके पहले भी आरोपी मृतिका को धमकी दे चुके थे।

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दो बेटों के साथ मिलकर रची हत्या की साजिश

Ratlam News: अपने परिवार में सब कुछ बिगड़ता देख धन्नाबाई ने अपने दो बेटे शंकर और बापू के साथ मिलकर नर्मदाबाई की हत्या की साजिश रची । मौका देखकर मृतिका के दोनों भतीजो ने धार- धार हथियार से उसकी हत्या कर शव को छत से नीचे फेंक दिया। पुलिस इसे अंधविश्वास का मामला मानकर ग्रामीणों को जागरूक करने की भी बात कर रही है। बहरहाल इस घटना ने बता दिया है कि आज भी आदिवासी अंचलों में किस तरह से अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र जैसी कुरीतियां बरकरार है, जिसमें फंसकर इंसान किसी की भी जान लेने में भी पीछे नहीं है।

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।