प्रदेश के 51 जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव, दांव पर बीजेपी और कांग्रेस की प्रतिष्ठा

District Panchayat President and Vice President election: प्रदेश के 51 जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव, दांव पर बीजेपी और कांग्रेस की प्रतिष्ठा

प्रदेश के 51 जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव, दांव पर बीजेपी और कांग्रेस की प्रतिष्ठा

District Panchayat President and Vice President election

Modified Date: November 29, 2022 / 07:54 pm IST
Published Date: July 29, 2022 10:38 am IST

District Panchayat President and Vice President election: भोपाल। मध्यप्रदेश में  51 जिला पंचायत अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का फैसला आज  दोपहर तक हो जाएगा। जिला पंचायत के 875 निर्वाचित सदस्य 51 जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करेंगे। इसमें सीधी जिले में चुनाव नहीं होगा, क्योंकि वहां कोर्ट के आदेश पर चुनाव कार्यक्रम रोक दिया गया है। चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया है।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए  यहां CLICK करें*<<

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टूर से लौटे पंचायत सदस्य

District Panchayat President and Vice President election: कई जिलों के जिला पंचायत सदस्य  सैर-सपाटे से लौट आए हैं। बीजेपी कांग्रेस ने अधिकांश सदस्यों को महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, गोवा और छत्तीसगढ़ भेजा था। जिलों में सरकार बनाने के लिए बीजेपी -कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने सदस्यों की बाड़ेबंदी कराई है।  कई जिलों में बहुमत का आंकड़ा छूने वाले संभावित अध्यक्ष, सदस्यों की भोपाल में सीएम से मुलाकात भी करा चुके हैं। राजधानी भोपाल के अलावा, सीएम के गृह जिले सीहोर, कमलनाथ के छिंदवाड़ा, दिग्विजय सिंह के गुना, राजगढ़, नेता प्रतिपक्ष के जिले भिंड में अध्यक्ष के फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

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पार्टियों ने सौंपी जिम्मेदारी

District Panchayat President and Vice President election: पंचायत चुनाव गैर दलीय आधार पर होते हैं लेकिन इसमें राजनीतिक दलों का पूरा दखल रहता है। अपने समर्थकों को सदस्य का चुनाव लड़वाया जाता है और अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बनवाने के लिए जोड़-तोड़ होती है। यही कारण है कि बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने अपने समर्थक सदस्यों को पर्यटन पर भेज दिया था। बीजेपी ने मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को अधिक से अधिक जिला पंचायतों में पार्टी समर्थकों को अध्यक्ष बनवाने की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश कांग्रेस ने पूर्व मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को प्रभारी बनाया है।

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