भोपाल: मध्य प्रदेश समेत देश के बाकी राज्यों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में OBC और आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को भी आरक्षण का फायदा मिलेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश के बाद राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटा सिस्टम के तहत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। बीजेपी इसे इस तबके लिए बड़ी उपलब्धि बता रही है तो कांग्रेस का कहना है की ये उसके प्रयासों का नतीजा है।
केंद्र सरकार के अखिल भारतीय चिकित्सा शिक्षा कोटे में OBC और EWS वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षण लागू करने के फैसले के बाद मध्य प्रदेश में भी सीटों के आरक्षण में बदलाव होगा। राज्य सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। केंद्रीय कोटे के तहत OBC को 27 और EWS को 10 फीसदी आरक्षण देने के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले का ढांचा बदलेगा। केंद्रीय कोटे से प्रदेश के 13 मेडिकल कॉलेजों में OBC के लिए सीटें आरक्षित होंगी। प्रदेश में 2 हजार 35 यूजी और 858 पीजी सीट हैं। इस लिहाज से 368 सीटों पर OBC और 245 सीटों पर EWS वर्ग को आरक्षण मिलेगा। यूजी की 15 और पीजी की 50 फीसदी सीटों पर दाखिला केंद्रीय कोटे से होता है। इसमें प्रदेश सरकार की नीति के तहत OBC को 14 फीसदी आरक्षण का लाभ भी मिलेगा। अब ऑल इंडिया कोटे के तहत 27 फीसदी आरक्षण इसमें जोड़ दिया जाएगा, यानि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में अब OBC आरक्षण बढ़कर 41 फीसदी हो जाएगा।
मेडिकल कॉलेजों में OBC आरक्षण के फैसले के बाद BJP ने मामले में कांग्रेस पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। वहीं, कांग्रेस प्रदेश में अपनी पिछली सरकार के बहाने सरकार से सवाल पूछ रही है।
साल 2007 में ही सेंट्रल एजुकेशन इंस्टीट्यूशन एक्ट के लागू होने के बाद देश के केंद्रीय मेडिकल कॉलेजों में OBC के लिए 27 फीसदी और गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू कर दिया गया। हालांकि राज्यों के सरकारी मेडिकल और डेंटल कॉलेज में ये आरक्षण लागू नहीं किया गया था। अब सरकार के फैसले के बाद OBC और गरीब सवर्ण वर्ग के छात्र आरक्षण का लाभ लेकर देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।
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