जिन्होंने आजादी की लड़ाई में उंगली तक नहीं कटाई, उनका नाम शहीदों में लिख दिया गया : मंत्री
जिन्होंने आजादी की लड़ाई में उंगली तक नहीं कटाई, उनका नाम शहीदों में लिख दिया गया : मंत्री
इंदौर, चार दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री विजय शाह ने स्वतंत्रता संग्राम के इतिहासकारों पर जनजातीय नायकों को उचित स्थान नहीं देने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि जिन लोगों ने आजादी की लड़ाई में ‘उंगली तक नहीं कटाई’, उनका नाम शहीदों में लिख दिया गया ।
शाह ने राज्य के जनजातीय क्रांतिकारी टंट्या भील के बलिदान दिवस पर इंदौर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में यह बात कही।
उन्होंने किसी व्यक्ति का जिक्र किए बगैर कहा कि देश की आजादी का इतिहास पढ़े जाने पर चंद ऐसे नाम भी आते हैं जिन्होंने ‘उंगली तक नहीं कटाई’ और उन्हें शहीदों में शामिल कर लिया गया।
उंगली कटाकर शहीदों में नाम लिखवाना हिन्दी का एक मुहावरा भी होता है जिसका अर्थ है-किसी काम में जरा-सा सहयोग करके श्रेय का पूरा अधिकारी या दावेदार बन जाना।
शाह ने टंट्या भील, बिरसा मुंडा, भीमा नायक, शंकर शाह और रघुनाथ शाह सरीखे आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम गिनाते हुए कहा, ‘मुझे कहने में कोई हर्ज नहीं है कि देश की आजादी का इतिहास लिखने वाले लोगों ने हमारे जनजातीय नायकों के साथ बेईमानी की और उन्हें वह स्थान नहीं दिया, जो स्थान उन्हें मिलना चाहिए था।’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में आदिवासी समुदाय के स्वतंत्रता सेनानियों को पूरा सम्मान मिल रहा है।
शाह ने सुझाव दिया कि साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों की मदद से देश की आजादी का इतिहास फिर से लिखा जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी जनजातीय नायकों की गौरव गाथाओं को पाठ्यक्रमों में जगह दी जानी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान से अवगत हो सकें।
भाषा हर्ष पवनेश प्रशांत
प्रशांत

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