शह मात The Big Debate: ’28’ की बिसात..आदिवासी देंगे साथ? जनजातीय गौरव से बढ़ेगा बीजेपी का वैभव?
MP News: '28' की बिसात..आदिवासी देंगे साथ? जनजातीय गौरव से बढ़ेगा बीजेपी का वैभव?
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- जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम अलीराजपुर और जबलपुर में आयोजित
- पीएम मोदी वर्चुअली शामिल
- सीएम मोहन ने आदिवासी समाज को बीजेपी का हितैषी बताया
भोपाल: MP News य़े उत्साह के रंग, नाचते-थिरकते लोग, पुष्पवर्षा करते सीएम मोहन और क्रांतिकारी धर्मरक्षक, बिरसा मुंडा के सामने सीएम मोहन के इस विनयावनत भाव। तस्वीरें बिरसा मुंडा की जयंती पर आयोजित हुए जनजातीय गौरव दिवस की हैं। पहले अलीराजपुर फिर जबलपुर दोनों जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए। आदिवासी समाज की प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। जबलपुर में पीएम मोदी वर्चुअली शामिल हुए। इस दौरान पीएम मोदी और सीएम मोहन ने BJP को आदिवासियों का सच्चा हितैषी बताया और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
MP News एमपी के 20 ट्राइबल जिलों के साथ ही सूबे की 50 से अधिक विधानसभा सीटों में आदिवासी वोटर्स निर्णायक की भूमिका में हैं। बीजेपी की ओर से आदिवासी वर्ग के लिए कई योजनाएं चलाई गईं, जनजातीय नायकों का सम्मान किया गया। इसके बावजूद भी विधानसभा इलेक्शन के दौरान ट्राइबल बेल्ट में कांग्रेस, बीजेपी पर भारी पड़ती है। ऐसे में कांग्रेस बीजेपी के आदिवासी कनेक्ट अभियानों से डरी हुई है, लेकिन दावा कर रही है कि कांग्रेस के साथ आदिवासी बने रहेंगे।
सियासी घेरबंदी के इतर सच ये है कि ट्राइबल के लिए जितना काम पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकारों ने किया। उतना किसी सरकार ने नहीं किया है। चाहे गृहमंत्री अमित शाह का दो दिन जबलपुर में रुकना हो, हबीबगंज स्टेटशन का नामकऱण रानी कमलापति करना हो, याकि शहडोल में पीएम मोदी का जाना हो। बावजूद इसके 2023 में ट्राइबल की 47 में से सिर्फ 24 सीटें ही भाजपा के पास आईं। ऐसे में सवाल ये है कि- क्या ये आदिवासियों को साधने की बीजेपी की नई रणनीति है? क्या आदिवासी वोटर्स अब बीजेपी की ओर जा रहा है? सवाल ये भी कि कांग्रेस आदिवासियों के लिए बिना कुछ किए, कैसे आदिवासी वोटबैंक को साध लेती है?

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