Vote hope.. remember Ravidas! Dalit love of BJP-Congress!

वोट की आस.. याद आए रविदास! बीजेपी-कांग्रेस का दलित प्रेम! संत रविदास जयंती पर मध्यप्रदेश में गरमाई सियासत

वोट की आस.. याद आए रविदास! बीजेपी-कांग्रेस का दलित प्रेम! Vote hope.. remember Ravidas! Dalit love of BJP-Congress!

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : February 16, 2022/11:37 pm IST

(रिपोर्टः नवीन कुमार सिंह) भोपालः मध्यप्रदेश में अगले विधानसभा चुनावों के ठीक एक साल पहले बीजेपी और कांग्रेस का दलित प्रेम जागा है। संत रविदास जयंती के मौके पर दोनों ने खुद को दलितों का हितैषी बताने की भरपूर कोशिश की और एक दूसरे पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया। बात करें सत्तारूढ़ बीजेपी की तो पूरे प्रदेश में पंचायत स्तर पर जोरदार कार्यक्रम किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संत रविदास को याद करते हुए उन्हें नमन किया। वर्चुअल संवाद करते हुए इस खास मौके पर दलित आबादी के लिए सौगातों की झड़ी लगा दी है।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मौके पर बड़ी घोषणा की तो प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बीजेपी नेताओं ने संत रविदास को याद करते हुए बीजेपी को अंबेडकर के विचारों को जमीन पर उतारने वाली पार्टी बताया तो कांग्रेस को जमकर आड़े हाथों लिया।

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मध्यप्रदेश में न सिर्फ बीजेपी बल्कि कांग्रेस भी दलित वोटर्स को साधने एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ सागर में रविदास जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अपने कार्यकाल में अनुसूचित जाति के लिए किए गए कामों को याद दिलाया। वहीं दिग्विजय सिंह भोपाल से बीजेपी और राज्य सरकार पर जमकर बरसे।

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संत रविदास जयंती पर आरोप-प्रत्यारोप और खुद को दलितों का सबसे बड़ा हितैषी बताने की होड़ की वजह प्रदेश की 16 फीसदी दलित वोटर हैं, जो सत्ता की दौड़ में निर्णायक हैं। चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलित वोटर्स को अपने पाले में करने की कोशिश में जुटे हैं। लेकिन दलित आदिवासियों पर हाल के दिनों में जिस तरह हिंसा की घटनाएं हुईं हैं। उसने बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है। जबकि कांग्रेस इन घटनाओं को मुद्दा बनाकर बीजेपी को घरेने की कोशिश कर रही है। संत रविदास जयंती के मौके पर सियासत इसकी बानगी है। अब देखना है कि जिनके लिए इतने सियासी दांवपेंच हो रहे हैं, वो किसपर भरोसा जताते हैं।

 

 
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