उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट के विधायकजी का रिपोर्ट कार्ड, देखिए जनता का मूड मीटर

उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट के विधायकजी का रिपोर्ट कार्ड, देखिए जनता का मूड मीटर

उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट के विधायकजी का रिपोर्ट कार्ड, देखिए जनता का मूड मीटर
Modified Date: November 29, 2022 / 07:54 pm IST
Published Date: August 6, 2018 2:45 pm IST

उज्जैन। विधायकजी के रिपोर्ट कार्ड में आज बारी है मध्यप्रदेश के उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट के विधायक की। मालवा का सबसे प्रमुख शहर उज्जैन जो कभी सिंधिया रियासत में शामिल था, अब इसकी पहचान बाबा महाकाल की नगरी के तौर पर होती है। धार्मिक नगरी होने के साथ उज्जैन अपनी सियासत के लिए भी चर्चा में रहता है। सीट के सियासी समीकरण की बात करें तो पिछले 15 सालों से यहां बीजेपी का कब्जा है और मोहन यादव यहां से वर्तमान विधायक हैं, जो पिछड़ा वर्ग से आते हैं। हालांकि शहरी और ग्रामीण परिवेश वाली उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग के वोटर बड़ी सियासी ताकत हैं।

शिप्रा नदी के किनारे बसी उज्जैन नगरी कई मायनों में खास है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल इसी नगरी में विराजमान है। उज्जैन को मंदिरों की नगरी भी कहते हैं। यहां हर 12 साल पर सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होता है। धार्मिक नगरी होने के साथ-साथ मध्यप्रदेश की राजनीति में भी इसका खासा दखल रहा है। राज्य सरकार हो या बीजेपी संगठन या फिर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बड़े आयोजनों का शुभारंभ उज्जैन से ही होता है।

 ⁠

यह भी पढ़ें : योजनाएं : ‘गोठ एप’ पर जानिए, मिनीमाता योजना ने कैसे बदली युवाओं की आर्थिक स्थिति

मालवा का ये प्रमुख शहर दो विधानसभा क्षेत्रों में बंटा हुआ है। उज्जैन दक्षिण और उज्जैन उत्तर।  दक्षिण विधानसभा की बात करें तो यहां फिलहाल सत्तारूढ़ बीजेपी का कब्जा है। शहरी और ग्रामीण परिवेश वाली इस सीट के सियासी इतिहास की बात की जाए तो कभी ये कांग्रेस तो कभी बीजेपी की झोली में जाती रही है। लेकिन 2003 के बाद इस सीट पर लगातार बीजेपी के विधायक काबिज हैं। 2003 और 2008  के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के शिवनारायण जागीरदार यहां से चुनाव जीते। वहीं 2013 में बीजेपी ने मोहन यादव को मैदान में उतारा। जिन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी जय सिंह दरबार को शिकस्त दी। इस चुनाव में बीजेपी को जहां 73108..वोट मिले, वहीं कांग्रेस 63456 वोट ले पाई। इस तरह जीत का अंतर 9652 वोटों का रहा।

उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट में जातिगत समीकरण की बात की जाए तो यहां अनुसूचित जाति के 35 हजार मतदाता और राजपूत समाज के 40 हजार मतदाता है। इसके अलावा ओबीसी वोटर्स 24 फीसदी, ब्राह्मण और वैश्य समाज के 15 फीसदी मतदाता भी चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग के वोटर्स की संख्या ज्यादा होने के बावजूद उज्जैन की इस सीट पर पिछड़ा वर्ग से आने वाले मोहन यादव विधायक हैं। अब जब सियासी समर 2018 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। लिहाजा दोनों सियासी पार्टियां चुनावी रणनीति बनाने में जुट गई हैं। कांग्रेस जहां बीजेपी विधायक के कार्यकाल की नाकामियों को मुद्दा बना रही है। वहीं शिवराज सरकार की उपलब्धियों को गिनाकर बीजेपी यहां लगातार चौथी जीत हासिल करना चाहती है।

मुद्दों की बात की जाए तो उज्जैन दक्षिण के विधायक मोहन यादव के कार्यकाल को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है। वैसे तो मोहन यादव क्षेत्र में हमेशा सुर्खियों में बन रहे रहते हैं। बीजेपी संगठन और राज्य सरकार के किसी भी कार्यक्रम में मोहन यादव को बढ़ चढ़ कर शामिल होते देखा जा सकता है। लेकिन विधानसभा क्षेत्र में उनकी निष्क्रियता सियासी मुद्दा बनती जा रही है। वहीं शहरी इलाके में जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। वहीं सिंचाई साधनों की कमी के कारण किसानों में बीजेपी विधायक के खिलाफ नाराजगी है।

यह भी पढ़ें : पुलिस बल के 6350 पदों पर भर्ती को कैबिनेट की मंजूरी, ये भी निर्णय लिए गए

शहरी और ग्रामीण इलाकों से मिल कर बने उज्जैन दक्षिण विधानसभा की समस्याएं और जरूरतें भी अलग-अलग है। शहरी इलाके की बात करें तो नए उज्जैन का ज्यादातर हिस्सा आता है। जिसमें विश्वविद्यालय सहित कई पॉश कॉलोनियां और व्यावसायिक क्षेत्र आते हैं। इसके अलावा नगर निगम सीमा के 22 वार्ड भी शामिल हैं। जहां रहने वाले लोगों से जब हमने पूछा कि बीजेपी विधायक ने कितना काम करवाया है तो उनका जवाब यही रहा कि जो भी विकास और निर्माण कार्य हुए हैं, वो सिंहस्थ के दौरान हुए हैं। इसमें विधायक मोहन यादव की व्यक्तिगत उपलब्धि कुछ भी नहीं है। लोगों की माने तो नर्मदा शिप्रा लिंक परियोजना की सौगात मिलने के बाद भी इलाके में पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है। साफ-सफाई, महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों के साथ बीजेपी विधायक की निष्क्रियता भी यहां बड़ा सियासी मुद्दा है। 

वहीं ग्रामीण इलाको की बात करें तो हालात जुदा नहीं है। 36 ग्राम पंचायतों में किसानों की नाराजगी साफ-साफ देखने को मिली। भावांतर योजना और सिंचाई की व्यवस्था को लेकर किसान नाराज हैं। उनके मुताबिक उनसे वादा किया गया था कि उनके खेतों में नर्मदा का पानी पहुंचेगा, वो अब तक पूरा नहीं किया गया और वो ट्यूब वेल और कुओं के सहारे खेती करने को मजबूर हैं। चुनावी साल है तो जाहिर है इन मुद्दों को लेकर सियासत भी होगी। कांग्रेस जहां इन मुद्दों को हवा देकर बीजेपी विधायक को घेरने के फिराक में है। वहीं विधायक मोहन यादव के पास भी कांग्रेस के आरोपों का जवाब मौजूद है।

कुल मिलाकर उज्जैन दक्षिण विधानसभा में किसान और शहरी दोनों ही तबकों के वोटर्स में नाराजगी है। किसान जहां राज्य सरकार की नीतियों से नाखुश है तो वहीं शहरी मतदाता बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। ये सभी समस्याएं अपने-अपने इलाकों में चुनावी मुद्दों का रूप ले रही हैं और जो इनको साध पाएगा वो ही यहां से मैदान मार पाएगा।

टिकट के संभावित उम्मीदवारों की बात की जाए तो उज्जैन दक्षिण में कांग्रेस के दावेदारों की लिस्ट लंबी है। कोई जातिगत समीकरण के आधार पर टिकट मांग रहा है तो किसी को लगता है कि लोगों के बीच उनकी अच्छी पकड़ है इसलिए उन्हें टिकट दी जाए। हाईप्रोफाइल सीट उज्जैन दक्षिण से चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी में भी दावेदारों की संख्या कम नहीं है। हालांकि मौजूदा विधायक मोहन यादव के अलावा कोई भी नेता अपनी दावेदारी खुल कर नहीं कर रहा है। लेकिन पार्टी फोरम पर सभी अपनी मंशा जाहिर कर चुके है।

उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट पर पिछले 15 सालों से सत्तारूढ़ बीजेपी को बाबा महाकाल का आशीर्वाद मिल रहा है और यही वजह है कि बीजेपी यहां कांग्रेस के मुकाबले मजबूत स्थिति में नजर आती है।वहीं दूसरी ओर कांग्रेस लगातार तीन हार के बाद दोबारा अपनी जमीन तलाशने में लगी है। हालांकि सीट पर दावेदारों की लंबी कतार कांग्रेस की परेशानी का सबब बन सकती है। कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों की बात करें तो इसमें पहला नाम है राजेंद्र वशिष्ठ का, जो उज्जैन नगर पालिका में नेता प्रतिपक्ष हैं। इसके अलावा जनपद अध्यक्ष भी रह चुके हैं। राजेंद्र वशिष्ठ ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों में सक्रिय रहे है। लिहाजा वशिष्ठ को उम्मीद है कि पार्टी उन पर भरोसा कर सकती है

कांग्रेस दावेदारों की लिस्ट में दूसरा नाम कांग्रेस पार्षद शैलेन्द्र सिंह कुशवाह का है। शैलेन्द्र कुशवाह को बिनू कुशवाह के नाम से ज्यादा जाना जाता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट से होने के अलावा राजपूत समाज से आने वाले बिनू कुशवाह की शहरी राजनीति में खासी पकड़ है..जिसका फायदा उन्हें आगामी चुनाव में मिल सकता है।

फिलहाल,अलग अलग गुट से संबंध रखने वाले कांग्रेस दावेदारों का उम्मीद है कि उनके आला नेता उन्हें विधानसभा की टिकट दिलवा देंगे लेकिन इस बार मालवा में समीकरण कुछ अलग है. क्योंकि कांग्रेस में भी दावेदारों के फैसले उनके काम के आधार पर ही होंगे। वहीं दूसरी ओर बीजेपी में भी चुनाव लड़ने के लिए कई दावेदार हैं। बस फर्क यही है कि कोई भी नेता खुलकर टिकट की दावेदारी नहीं कर रहा लेकिन सभी पार्टी फोरम पर चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। हालांकि बीजेपी विधायक मोहन यादव टिकट के स्वाभाविक दावेदार हैं।

यह भी पढ़ें : निर्वाचन आयोग के निर्देश पर 34 पुलिस अधिकारियों के तबादले, देखिए सूची

उज्जैन दक्षिण से बीजेपी से से इकबाल सिंह गांधी भी दावेदारी कर रहे है। इकबाल सिंह गांधी फिलहाल, उज्जैन नगर बीजेपी अध्यक्ष है। वहीं, पूर्व में सांवेर से पार्षद रह चुके है। संगठन में अच्छी पकड़ और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से नजदीकी का फायदा उन्हें मिल सकता है। गांधी के मुताबिक पार्टी जो भी फैसला करेगी वो सर्वमान्य होगा। इकबाल सिंह गांधी के अलावा उज्जैन दक्षिण से भाजपा के दूसरे दावेदार के तौर पर भानू भदौरिया का नाम भी तेजी से चल रहा है। भानू भाजपा युवा मोर्चा में प्रदेश मंत्री होने के साथ ही राजपूत समाज से आते है और युवा भी है। लिहाजा, जातिगत समीकरण और सक्रियता को देखते हुए पार्टी युवा चेहरे पर भी भरोसा कर सकती है

जाहिर है दोनों ही तरफ से दावेदारों की लंबी लिस्ट है और इस लिस्ट में कांट छांट करना कांग्रेस और बीजेपी आलाकमान का सबसे बड़ा सिरदर्द है। ये भी तय है कि शार्टलिस्टिंग में जो जितनी सावधानी बरतेगा। उज्जैन दक्षिण से उसके सफलता के चांस ज्यादा होंगे

वेब डेस्क, IBC24


लेखक के बारे में

Shahnawaz Sadique is a digital marketing powerhouse with over 11 years of experience in the industry. His expertise encompasses a wide range of skills, from content writing and affiliate marketing to product launches and email campaigns. With 11 years of experience in social media, SMM, and SEO, he's an expert at helping businesses increase their online reach. From travel to business, education, media, tech, and cyber security, Shahnawaz has a proven track record of delivering results for clients across various sectors. Shahnawaz is also working as Sr. Digital Marketing Manager @ IBC24 News. He has a 8+ years of releveant experince in news industry as well. Want to take your media company to the next level? Look no further than Shahnawaz Sadique, He has been featured in top publications like FoxNews, Yahoo, MSN, WordStream, TastyEdits, LifeWire, SheFinds , Tech.Co and many more. the ultimate digital marketing pro.