Bhopal Road Collapse: भोपाल में धंसा हाइवे तो किसानों पर लगा आरोप! MPRDC ने कही ये बड़ी बात, बनाई 3 सदस्यीय जांच कमेटी
भोपाल में धंसा हाइवे तो किसानों पर लगा आरोप! MPRDC ने कही ये बड़ी बात, When a highway caved in in Bhopal, farmers were blamed! MPRDC made this important statement
- 13 अक्टूबर को भोपाल में ROB के पास सड़क धंसी, किसी प्रकार की जनहानि नहीं।
- MPRDC ने जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित की, 7 दिन में रिपोर्ट आने की उम्मीद।
- पूर्व निवेशकर्ता ट्रांसट्रॉय प्रा. लि. पर तकनीकी मानकों की अनदेखी का आरोप
भोपाल: Bhopal Road Collapse: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल पूर्वी बॉयपास पर सूखी सेवनिया रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के पास सड़क धंसने की घटना की जांच के लिए मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम ने 3 अधिकारियों की समिति गठित कर 7 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत का कार्य भी शुरू कर दिया गया है और 10 दिन में कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया गया है। सड़क धंसने की घटना 13 अक्टूबर को हुई, जिसमें किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के अधिकारियों ने तुरंत एक्शन लेते हुए पूरे क्षेत्र को बैरिकेड कर दिया और यातायात को दूसरी लेन से डायवर्ट कर सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है।
Bhopal Road Collapse: भोपाल पूर्वी बॉयपास चार लेन मार्ग का निर्माण बी.ओ.टी. (टोल) योजना के अंतर्गत मेसर्स ट्रांसट्रॉय प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा किया गया था। यह परियोजना 18 नवंबर 2010 को हुए कंसेशन अनुबंध के तहत वर्ष 2012-13 में पूरी की गई थी। अनुबंध अनुसार इसकी अवधि 15 वर्ष निर्धारित थी, किंतु वर्ष 2020 में निवेशकर्ता द्वारा अनुबंध की शर्तों का पालन न करने के कारण अनुबंध निरस्त कर दिया गया तथा कंपनी को तीन वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया था।
प्रथम दृष्टया निरीक्षण में तकनीकी अधिकारियों ने पाया कि आर.ई. वॉल का निर्माण निवेशकर्ता द्वारा निर्धारित तकनीकी मानकों के अनुसार नहीं किया गया था। उपयोग की गई मिट्टी की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं थी तथा इम्बैंकमेंट में आवश्यक स्टोन पिचिंग का कार्य नहीं किया गया था, जिसके कारण वर्षा ऋतु में पानी का रिसाव होकर मिट्टी कमजोर हो गई। इसके अलावा किसानों द्वारा दीवार के समीप मिट्टी की खुदाई किए जाने से जल निकासी में बाधा उत्पन्न हुई, जिसके परिणामस्वरूप इम्बैंकमेंट के भीतर पानी भर गया और सड़क का उक्त हिस्सा धंस गया।
निगम ने तत्काल तीन वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों की एक जांच समिति गठित की है, जो सात दिवस के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत का कार्य तत्काल आरंभ कर दिया गया है, जिसे दस दिनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्माण में प्रयुक्त मिट्टी के सैंपल लेकर केंद्रीय प्रयोगशाला लोक निर्माण विभाग में परीक्षण के लिए भेजा गया है। परीक्षण परिणाम प्राप्त होने और जांच प्रतिवेदन के आधार पर निर्माण कार्य में लापरवाही के लिए जिम्मेदार निवेशकर्ता, कंसलटेंट तथा संबंधित विभागीय अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। एमपीआरडीसी द्वारा बताया गया है कि इस मार्ग का निरीक्षण विगत छह महीनों में संभागीय प्रबंधक और सहायक महाप्रबंधक, भोपाल संभाग द्वारा किया गया था। वर्ष 2023 में रोड असेट मैनेजमेण्ट सिस्टम के माध्यम से समस्त वृहद पुलों का सर्वेक्षण भी किया गया था। निगम द्वारा बॉयपास मार्ग की सतत निगरानी की जाती है और आवश्यकता पड़ने पर नवीनीकरण एवं मरम्मत कार्य नियमित रूप से किया जाता है।
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