Contract Employees Regularization News: कर्मचारियों को कब मिलेगा नियमितीकरण का तोहफा? आज सरकार के सामने रखेंगे मांग, अब बस फैसले का इंतजार
Contract Employees Regularization News: नियमितीकरण की मांग पर अड़े लाखों कर्मचारी, आज सरकार के सामने रखेंगे मांग, अब बस फैसले का इंतजार |
Contract Employees News Today: संविदा कर्मचारियों ने नियमितीकरण सहित इन मांगों को लेकर खोला मोर्चा / Image Source: IBC24 Customized
- कर्मचारियों ने नियमितीकरण एवं अन्य मांगों को लेकर सरकार खिलाफ हल्ला बोल दिया है।
- आज लाखों कर्मचारी एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
- आंबेडकर मैदान में धरना देकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
भोपाल। Contract Employees Regularization News: मध्यप्रदेश में एक बार फिर कर्मचारियों ने नियमितीकरण एवं अन्य मांगों को लेकर सरकार खिलाफ हल्ला बोल दिया है। राजधानी भोपाल में आज लाखों कर्मचारी एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। साथ ही भोपाल के आंबेडकर मैदान में धरना देकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे। बता दें कि प्रदेश के 32000 स्थाई कर्मी सातवें वेतनमान का लाभ देने एवं 28 हजार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नियमित करने तथा 55 हजार अंशकालीन कर्मचारी कलेक्टर रेट का वेतन देने की मांग के समर्थन में 23 मार्च को काम बंद हड़ताल करेंगे।
कर्मचारियों की मांगें
हड़ताल का नोटिस शुक्रवार को मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के नेतृत्व में राज्य सरकार को सौंप दिया गया है।
नोटिस सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में अशोक पांडे प्रांताध्यक्ष महेंद्र सारस प्रदेश उपाध्यक्ष शिवराम जाटव प्रदेश महासचिव प्रमोद बर्डे प्रांतीय सचिव राजू शील यादव प्रदेश महामंत्री शामिल थे।
अशोक पांडे ने बताया है कि राज्य सरकार प्रदेश की स्थाई कर्मियों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं अंशकालीन कर्मचारी के अधिकारों का हनन कर रही है।
उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश होने के बावजूद भी आदेशों का लाभ अनियमित कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा है।
स्थाई कर्मी योजना 2016 में लागू करने के बाद पिछले नौ साल में सातवां वेतनमान लागू नहीं किया गया। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है।
बता दें कि मध्यप्रदेश में विधानसभा बजट सत्र की शुरूआत होने से पहले संविदा कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी थी। प्रदेश के सभी शासकीय कर्मचारियों के साथ संविदा आउटसोर्स कर्मचारी अनिश्चितकालीन काम बंद हड़ताल पर जा सकते हैं। प्रदेश के संयुक्त कर्मचारी संगठन के द्वारा नेता प्रतिपक्ष से उनकी 9 सूत्रीय मांगों को विधानसभा सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण में उठाने के लिए निवेदन किया था। हालांकि विधानसभा में संविदा कर्मचारियों का मामला उठा भी था।

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