Why are questions being raised again and again on Savarkar

पहले सावरकर पर संग्राम..अब ‘बाबर‘ पर संधान! सावरकर पर बार-बार क्यों उठ रहे सवाल?

पहले सावरकर पर संग्राम..अब ‘बाबर‘ पर संधान! सावरकर पर बार-बार क्यों उठ रहे सवाल? Why are questions being raised again and again on Savarkar

Edited By :   Modified Date:  March 28, 2023 / 10:27 PM IST, Published Date : March 28, 2023/10:25 pm IST

भोपाल। Why are questions being raised again and again on Savarkar पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सनातन संस्कृति के बहाने एक बार फिर सावरकर पर निशाना साधा..उन्होंने दावा किया कि सनातन और सावरकर का हिंदुत्व बिल्कुल अलग है..इस पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह को बाबर का हिमायती बता डाला.. सावरकर और बाबर के बहाने दोनों ओर से हिंदुत्व पर नई बहस छिड़ गई है। यही आज की डिबेट का टॉपिक है और इसका नाम है- पहले सावरकर पर संग्राम, अब श्बाबरश् पर संधान ! क्या है इसके मायने और क्यों बार बार सावरकर और हिंदुत्व पर बयानबाजी हो रही है

Read More:: अष्टमी से पहले सस्ता हुआ सोना, चांदी के दामों में भी आई गिरावट, जानें आज का क्या है ताजा भाव 

Why are questions being raised again and again on Savarkar मध्यप्रदेश में हिंदू, हिंदुत्व और हितैषी होने का धर्म युद्ध जारी है। इस बार बीजेपी को घेरा है पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने और निशाने पर हैं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा। भोपाल में बीजेपी के नए प्रदेश कार्यालय के भूमि पूजन पर सवाल उठाते हुए दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है। लिखा है कि सावरकर के पढ़ाए हिंदुत्व के यही से संस्कार है। यजमान ऊंचे आसान पर हैं लेकिन यज्ञाचार्य और हवनकुंड यजमान से नीचे है। हिंदुत्व और सावरकर पर सवाल उठे तो बीजेपी का तिलमिलाना तो लाजमी है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तुरंत दिग्विजय सिंह को बाबर का हिमायती बता डाला। उन्होंने कहा कि श्रीराम का विरोध करने वाले अब हमें संस्कृति समझा रहे हैं।

Read More: 0 हजार करोड़ से बढ़कर 11.5 लाख करोड़ हुई मोदी-अड़ानी की जायदाद! अरविंद केजरीवाल ने दिए चौंकाने वाले आंकड़े

बयानों की नई धार से हिंदुत्व पर तकरार बढ़ गया है। प्रखर हिंदुवादी नेता रहे विनायक दामोदर सावरकर को लेकर कांग्रेस बार-बार सवाल उठाती रही है। अब इस जंग में मुगल सल्तनत के संस्थापक जहीरुद्दीन मोहम्मद बाबर की एंट्री हो गई है। सवाल है कि इतिहास के किरदारों पर सियासत हो क्यों रही है? सियासी पार्टियां बार-बार खुद को हिंदुत्व का सबसे बड़ा हितैषी बताने की होड़ में क्यों हैं.. ये बड़ा सवाल है?