MP Vidhan Sabha Chunav 2023

MP Vidhan Sabha Chunav 2023: सेमरिया विधानसभा का रण…कौन जीतेगा जंग? जानें इस हॉट सीट की समीकरण

MP Vidhan Sabha Chunav 2023: सेमरिया विधानसभा का रण...कौन जीतेगा जंग? जानें इस हॉट सीट का समीरण

Edited By :   Modified Date:  October 30, 2023 / 05:18 PM IST, Published Date : October 30, 2023/5:17 pm IST

सेमरिया। MP Vidhan Sabha Chunav 2023 राजीव पाण्डेय रीवा जिले की सेमरिया विधानसभा मध्य प्रदेश के 230 विधानसभा सीटों में से सबसे हॉट विधानसभा सीट मानी जा रही है और इसकी वजह केवल कांग्रेस पार्टी की टिकट से चुनाव लड़ रहे अभय मिश्रा है और भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ रहे के पी त्रिपाठी हैं क्योंकि दोनों ही प्रत्याशियों में राजनीतिक द्वेष के कारण 36 का आंकड़ा रहता है जिसके कारण सेमरिया विधानसभा सीट प्रदेश की हॉट सीट बनी हुई है।

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MP Vidhan Sabha Chunav 2023 इस सीट की चर्चा जोरों पर इसलिए भी है क्योंकि बीते एक माह में अभय मिश्रा ने दो बार पार्टी बदली जिसकी वजह से लोगों में असमंजस की स्थिति देखने को मिली ठीक एक महीने पहले ही अभय मिश्रा के द्वारा भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा गया था मगर चुनाव से 2 दिन पहले वह पुन कांग्रेस में वापस आ गए और सेमरिया विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर गए। जिसके कारण अब सेमरिया का रण रोमांचक हो गया है। सेमरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट से चुनावी मैदान में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी ने अभय मिश्रा ने एक महीने के भीतर दो बार पार्टी बदलने के जो कारण बताए उसके चलते इस सीट की चुनावी स्थिति और भी ज्यादा रंग में आ गई है।

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अभय मिश्रा ने बताया कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हाथ में जल लेकर के पी त्रिपाठी को टिकट न देने का वचन दिया था और के पी त्रिपाठी जो वर्तमान में बीजेपी की टिकट से सेमरिया के विधायक है वह अभय मिश्रा के धुर विरोधी माने जाते हैं और इसके कारण ही उन्होंने बीजेपी का हाथ थाम लिया। कांग्रेस प्रत्याशी अभय मिश्रा कहते हैं कि चुनाव से ठीक पहले ही उन्हें पता चला की बीजेपी में उनके साथ धोका किया जा रहा है और पार्टी ने पुनः के पी त्रिपाठी को ही टिकट देने का फैसला कर लिया।

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जिसकी वजह से वह फिर कांग्रेस पार्टी में आकर के पी त्रिपाठी के खिलाफ चुनावी जंग में आमने सामने हो गए। आपको बता दें जिले की सिरमौर विधानसभा से अलग होकर वर्ष 2008 में सेमरिया जिले की आठवीं विधानसभा सीट बनी थी जहां से उस वक्त बीजेपी की टिकट से अभय मिश्रा चुनावी मैदान में उतरे थे और 2008 विधानसभा चुनाव में प्रचंड मतों के साथ जीत हासिल करते हुए वह विधायक बने थे बाद में 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनकी पत्नी नीलम मिश्रा पर भरोसा जताते हुए चुनावी मैदान में उतारा और फिर एक बार उनकी पत्नी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची।

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मगर कुछ दिनों में ही सेमरिया की सियासत ने ऐसा मोड़ बदला कि भारतीय जनता पार्टी में बगावत के सुर उठने लगे जिसके कारण वर्ष 2018 चुनाव के पहले अभय मिश्रा ने बीजेपी का साथ छोड़कर अपनी पत्नी के संग कांग्रेस का दामन थाम लिया और खुद रीवा विधानसभा सीट पर कांग्रेस की टिकट में चुनाव लड़ने के लिए मैदान में आ गए जिसके कारण सिमरिया विधानसभा सीट की टिकट भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2018 में कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शुक्ला के करीबी के पी त्रिपाठी को दे दी और बस यही से अभय मिश्रा तथा के पी त्रिपाठी जानी दुश्मन बन गए।

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