भोपाल। MP Assembly Election 2023 कांग्रेस और बीजेपी दोनों की सत्ता में आने की उम्मीदें महिला वोटिंग पैटर्न पर टिकी हुई हैं, क्योंकि दोनों ही दलों ने महिला मतदाताओं को साधने का हरसंभव प्रयास किया है। बीजेपी लाड़ली बहना योजना को गेमचेंजर मान रही है तो कांग्रेस नारी सम्मान के जरिए सत्ता में वापसी का सपना संजोय हुए है। सब अपनी- अपनी क्रोनोलाजी बता रहे हैं। महिला वोटर्स का दम किसे करेगा बेदम ?
MP Assembly Election 2023 मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में आधी आबादी ने जबरदस्त उत्साह के साथ 76.03 फीसदी रिकार्ड तोड़ मतदान कर सियासी दलों और राजनीतिक पंडितों को गुणाभाग में उलझा दिया है। विधानसभा चुनाव में 75 ऐसी विधानसभा सीटें है जहां महिलाओं ने 80 फीसदी से ज्यादा मतदान किया है। अब राजनीतिक दलों की नज़रे इन्हीं सीटों पर है। महिलाओं के मतदान को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के अपने-अपने दावे हैं। विधानसभा चुनाव 2018 के मतदान के आंकड़ों को देखें तो 41 सीटों पर महिलाओं ने 80 प्रतिशत से ज्यादा मतदान किया था इसमें से 27 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। वहीं बीजेपी को सिर्फ 12 और दो सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते थे। लेकिन अब बीजेपी को इन सीटों पर लाड़ली बहना योजना का लाभ मिलने की उम्मीद है तो कांग्रेस भी अपनी नारी सम्मान योजना से उम्मीद लगाए बैठी है। हालांकि इस बार दोनों ही पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है।
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असल में इस बार एमपी का विधानसभा चुनाव दोनों की दलों ने महिलाओं को केन्द्र में रखकर लड़ा है। शिवराज सिंह चौहान ने एक करोड़ 30 लाख महिलाओ को लाड़ली बहना का हितग्राही बनाया जिन्हे 15 हजार करोड़ रुपए सरकार हर माह दे रही है। इधर कांग्रेस ने भी महिला वोटरों को साधने के लिए नारी सम्मान योजना का ऐलान किया है। अब सवाल ये है कि क्या मध्य प्रदेश में महिलाओं की वोटिंग में जो बढ़ोतरी हुई है, क्या वो सामान्य है? महिलाओं ने इस बार मध्य प्रदेश में जमकर मतदान किया है। पिछली बार की तुलना में इस बार 18 लाख से ज्यादा महिलाओं ने वोट डाले हैं। प्रदेश में बंपर वोटिंग के बाद अब सबकी नजरें 3 दिसंबर पर टिक गई है। जब प्रदेश के चुनावी नतीजें आएंगे और तभी यह साफ होगा कि बढ़ा हुआ मतदान किसके पक्ष में है और कौन सा सियासी दल सत्ता की कुर्सी पर काबिज होगा।