Maha Kumbh 2025 Latest News: बिस्तर से लेकर रसोई तक.. इस बाबा ने ई-रिक्शा को बना लिया घर, महाकुंभ पहुंचे तो देकर हैरान रह गए लोग

बिस्तर से लेकर रसोई तक.. इस बाबा ने ई-रिक्शा को बना लिया घर, Baba made e-rickshaw his home, Maha Kumbh Mela update

Maha Kumbh 2025 Latest News: बिस्तर से लेकर रसोई तक.. इस बाबा ने ई-रिक्शा को बना लिया घर, महाकुंभ पहुंचे तो देकर हैरान रह गए लोग

Maha Kumbh 2025 Latest News. Image Source- IBC24

Modified Date: January 7, 2025 / 02:00 pm IST
Published Date: January 7, 2025 1:48 pm IST

प्रयागराजः Maha Kumbh 2025 Latest News यूपी के प्रयागराज में 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में देश विदेश से श्रद्धालु आएंगे। पूरा उत्तर प्रदेश महाकुंभ की तैयारी में जुटा हुआ है। संगमनगरी प्रयागराज में महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए अब साधु-संतों का आना शुरु हो गया है। आप जब कुंभ आएंगे तो तरह-तरह के बाबा आपको दिखेंगे। आज हम आपको कुंभ मेले में आए ई-रिक्शा बाबा के बारें में बताने जा रहे हैं।

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Maha Kumbh 2025 Latest News ई-रिक्शा बाबा का असली नाम है महंत ओम ई-रिक्शा बाबा प्रयागराज महाकुंभ 2025 में भाग लेने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए तीन-पहिया ई-वाहन से दिल्ली से यात्रा प्रयागराज पहुंचे हैं। ई-रिक्शा से उन्हें दिल्ली से प्रयागराज आने में 12 से 13 दिन लग गए। ई-रिक्शा बाबा के इस वाहन में बिस्तर और दैनिक उपयोग की जरूरी चीजें हैं। इसके साथ ही वह पढ़ते-लिखते हैं और अगर किसी को मदद की जरूरत होती है तो वह अपने ई-रिक्शा से उसकी मदद भी करते हैं। अब आप सोचेंगे की बाबा ने ई-रिक्शा को ही क्यों चुना तो बाबा ने बताया कि ई-रिक्शा से यात्रा करने के पीछे का कारण कम खर्च है।

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ई-रिक्शा बाबा का असली नाम क्या है?

ई-रिक्शा बाबा का असली नाम महंत ओम है।

ई-रिक्शा बाबा प्रयागराज कैसे पहुंचे?

ई-रिक्शा बाबा दिल्ली से प्रयागराज तक ई-रिक्शा से यात्रा करके पहुंचे, जिसे उन्होंने खुद खास रूप से डिजाइन कराया था।

ई-रिक्शा बाबा ने ई-रिक्शा का चुनाव क्यों किया?

ई-रिक्शा बाबा ने कम खर्च होने के कारण ई-रिक्शा का चुनाव किया और इसे अपनी यात्रा का साधन बनाया।

ई-रिक्शा बाबा ने कितने दिन में प्रयागराज पहुंचने की यात्रा की?

ई-रिक्शा बाबा को 12 से 13 दिन का समय लगा प्रयागराज पहुंचने में।

ई-रिक्शा बाबा के साथ क्या चीजें थीं?

ई-रिक्शा बाबा के ई-रिक्शा में बिस्तर और दैनिक उपयोग की जरूरी चीजें शामिल थीं, जो उन्हें यात्रा के दौरान सहूलियत देती थीं।

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।