महाराष्ट्र में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र को लेकर 719 सरकारी कर्मचारी जांच के घेरे में

महाराष्ट्र में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र को लेकर 719 सरकारी कर्मचारी जांच के घेरे में

महाराष्ट्र में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र को लेकर 719 सरकारी कर्मचारी जांच के घेरे में
Modified Date: December 9, 2025 / 12:20 pm IST
Published Date: December 9, 2025 12:20 pm IST

मुंबई, नौ दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार को विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के मकसद से कथित रूप से फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्र का उपयोग करने के लिए 719 कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई हैं। महाराष्ट्र के मंत्री अतुल सावे ने मंगलवार को विधानसभा को यह जानकारी दी।

दिव्यांग कल्याण मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों के अनुसार दिव्यांगता प्रमाणपत्रों का सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है और अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) विधायक बापू पठारे द्वारा उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, ‘‘सरकार को विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के मकसद से कथित रूप से फर्जी दिव्यांगता प्रमाणपत्र का उपयोग करने को लेकर 719 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं।’’

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सावे ने बताया कि सतारा में 78, पुणे में 46 और लातूर में 26 कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गईं।

उन्होंने सदन में कहा, ‘‘पुणे जिले में फर्जी प्रमाणपत्र जमा करने के कारण 21 कर्मचारियों को उनके पदों से निलंबित कर दिया गया है तथा नंदुरबार में दो कर्मचारियों को हटा दिया गया है।’’

सरकारी निर्देशों के अनुसार, जिन कर्मचारियों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाएंगे या जिनकी दिव्यांगता 40 प्रतिशत से कम आंकी जाएगी, उन्हें दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत धारा 11 के साथ ही अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।

मंत्री ने कहा कि नौ अक्टूबर को जारी एक सरकारी प्रस्ताव में सभी विभागों को दिव्यांगता प्रमाणपत्रों का सत्यापन पूरा करने और तीन महीने के भीतर यानी आठ जनवरी 2026 तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

उन्होंने बताया कि अब तक 719 कर्मचारियों के खिलाफ फर्जी विशिष्ट दिव्यांगजन पहचान पत्र (यूडीआईडी) ​​प्रमाणपत्र से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई हैं और संबंधित विभागों को मामलों की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

मंत्री ने कहा कि केवल 40 प्रतिशत या उससे अधिक मानक दिव्यांगता वाले लोग ही सरकारी नौकरियों, पदोन्नति और अन्य योजनाओं में आरक्षण जैसे लाभ पाने के पात्र हैं।

भाषा यासिर सिम्मी

सिम्मी


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