एअर इंडिया के विमान में बिना पका खाना दिया गया, सीट भी गंदी थी : यात्री का आरोप |

एअर इंडिया के विमान में बिना पका खाना दिया गया, सीट भी गंदी थी : यात्री का आरोप

एअर इंडिया के विमान में बिना पका खाना दिया गया, सीट भी गंदी थी : यात्री का आरोप

:   Modified Date:  June 17, 2024 / 10:25 AM IST, Published Date : June 17, 2024/10:25 am IST

मुंबई, 17 जून (भाषा) टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया की नयी दिल्ली-नेवार्क उड़ान की ‘बिजनेस’ श्रेणी के एक यात्री ने अपनी यात्रा को ‘‘दु:स्वप्न’’ बताते हुए आरोप लगाया है कि उसे एअरलाइन द्वारा ‘‘बिना पका हुआ’’ खाना परोसा गया, विमान की सीट खराब थी, सीट कवर गंदा था और यहां तक कि उसके सामान को भी क्षति पहुंचाई गई।

शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर किए गए एक पोस्ट में यात्री विनीत के. ने लिखा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एअरलाइन एतिहाद में सस्ती दर पर यात्रा के लिए टिकट उपलब्ध होने के बावजूद उन्होंने एअर इंडिया को चुना क्योंकि यह अमेरिका के लिए बीच में कहीं रुके बिना, सीधी उड़ान सेवा संचालित करती है।

उन्होंने कहा, ‘कल की उड़ान किसी बुरे सपने से कम नहीं थी… बिजनेस श्रेणी में (टिकट) बुक किया था। लेकिन सीट साफ नहीं थी, खराब हालत में थी और 35 में से कम से कम 5 सीट बैठने के लायक नहीं थीं।’

इस मामले में एअर इंडिया की प्रतिक्रिया अभी तक नहीं मिल पाई है।

विनीत ने विमान के उड़ान भरने में 25 मिनट के विलंब का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘विमान के उड़ान भरने के करीब 30 मिनट बाद मैं तड़के तीन बजकर करीब 30 मिनट पर सोना चाह रहा था तो मुझे अहसास हुआ कि मेरी सीट को पूरी तरह खोलकर सोने के लिए बिस्तर का रूप नहीं दिया जा सकता क्योंकि सीट में यह प्रणाली काम ही नहीं कर रही थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ साल तक एमिरेट्स एअरलाइन के विमान से यात्रा करने के बाद हाल में मैंने एअर इंडिया को चुना क्योंकि न्यूयार्क, शिकागो और लंदन के लिए इसकी सीधी उड़ानें हैं।’’ उनके मुताबिक, वह इन जगहों की अक्सर यात्रा करते हैं।

विनीत के अनुसार, उन्होंने चालक दल से सीट बदलने का आग्रह किया और उन्हें दूसरी सीट मिल गई। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कुछ घंटे बाद मैं जाग गया। जो भोजन परोसा गया था वह पका हुआ नहीं था (एअर इंडिया में ऐसा कभी नहीं हुआ), फल खराब थे (विमान में सवार हर यात्री ने वापस कर दिए)।’’

आगे उन्होंने लिखा, ‘‘टीवी स्क्रीन काम नहीं कर रही थी। ऐसा नहीं है कि मैंने इसे देखा हो, केवल कोशिश की और इस पर त्रुटि वाला ‘नॉट फाउंड’ संदेश दिखा। इन सब के बाद रही-सही कसर तब पूरी हो गई जब उन्होंने मेरा सामान तोड़ दिया।’’

विनीत ने लिखा, ‘‘5,00,000 रुपये में खराब भोजन, खराब सीट, गंदा सीट कवर, खराब टीवी और फिर मेरे सामान को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।’’

भाषा मनीषा योगेश वैभव

वैभव

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)