आंध्र प्रदेश: राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा सत्र स्थगित
आंध्र प्रदेश: राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा सत्र स्थगित

अमरावती, 22 जुलाई (भाषा) राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर द्वारा विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के बाद आंध्र प्रदेश विधानसभा के दूसरे सत्र की कार्यवाही सोमवार को दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
वर्ष 2024 के विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद यह राज्य विधानमंडल का पहला संयुक्त सत्र था।
नजीर ने सदन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुझे राज्य विधानमंडल के इस संयुक्त सत्र में राज्य विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों और विधान परिषद के सदस्यों का स्वागत करके और उन्हें बधाई देकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।’’
सत्र में 88 नवनियुक्त विधायकों के साथ नौ विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) भी हिस्सा लेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्र के दौरान सार्थक विचार-विमर्श के बाद बजट पेश करने का प्रस्ताव रखा है।
नजीर ने कहा कि 2019 से 2024 के बीच युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार का कार्यकाल खासकर संयुक्त आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद अयोग्य शासन के साथ एक बड़ी ‘विफलता’ के रूप में सामने आया। राज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य के राजस्व में कमी के कारण नई सरकार के लिए आवश्यक व्यय को पूरा करना भी मुश्किल हो गया है।
उन्होंने राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व पर विश्वास जताया।
नायडू सत्र के दौरान कानून-व्यवस्था, आबकारी और राज्य के वित्त पर तीन श्वेतपत्र जारी कर सकते हैं। सत्र पांच दिन तक चलने की उम्मीद है।
इससे पहले, सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही और वाईएसआरसीपी के सदस्यों ने राज्य में विपक्षी पार्टी कार्यकर्ताओं पर कथित हमलों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और बाद में सदन से बहिर्गमन किया।
वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई एस जगनमोहन रेड्डी और विपक्षी पार्टी के विधायक काले रंग का ‘स्कार्फ’ पहनकर विधानसभा पहुंचे।
राज्य में कथित रूप से बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर ‘‘लोकतंत्र बचाओ’’ के नारे लगाते हुए रेड्डी और वाईएसआरसीपी विधायकों ने विधानसभा की ओर मार्च किया।
हालांकि, पुलिस ने उन्हें विधानसभा के प्रवेश द्वार पर रोक दिया।
वाईएसआरसीपी की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘पुलिस ने वाईएसआरसीपी के विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के हाथों में मौजूद तख्तियां छीनकर फाड़ दीं। वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने पुलिस से सवाल किया कि उसे ऐसा करने का अधिकार किसने दिया है।’’
वाईएसआरसीपी प्रमुख ने एक पुलिस अधिकारी को कथित तौर पर तख्तियां फाड़ने के खिलाफ चेतावनी दी और उसे फटकार लगाई।
सदन में राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्षी पार्टी के नेताओं ने ‘हत्या की राजनीति बंद होनी चाहिए’ और ‘लोकतंत्र बचाओ’ के नारे लगाए।
विरोध के बाद वाईएसआरसीपी सदस्यों ने रेड्डी के नेतृत्व में विधानसभा से बहिर्गमन किया।
भाषा यासिर संतोष
संतोष