बदलापुर मुठभेड़: पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न करने पर सरकार को फटकार

बदलापुर मुठभेड़: पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न करने पर सरकार को फटकार

बदलापुर मुठभेड़: पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न करने पर सरकार को फटकार
Modified Date: April 25, 2025 / 12:46 pm IST
Published Date: April 25, 2025 12:46 pm IST

मुंबई, 25 अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की हिरासत में मौत के मामले में अदालत के स्पष्ट आदेश के बावजूद पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई।

अदालत ने सात अप्रैल को कहा था कि अपराध का प्रथम दृष्टया खुलासा होने पर मामला दर्ज करना अनिवार्य है।

अदालत ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) लखमी गौतम की निगरानी में एक विशेष जांच दल का गठन किया था। उसने पुलिस हिरासत में शिंदे की मौत की जांच कर रहे राज्य के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को दो दिन के भीतर मामले के सभी दस्तावेज गौतम को सौंपने का निर्देश दिया था।

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न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि वह इस बात से ‘‘स्तब्ध’’ है कि उसके आदेश का पालन नहीं किया गया।

उसने कहा, ‘‘बेशर्मी के साथ हमारे आदेश का उल्लंघन किया गया। ऐसा कैसे हो सकता है कि राज्य सरकार उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का पालन न करे? अगर मामले के कागजात आज ही हस्तांतरित नहीं किए गए तो आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करनी होगी।’’

अदालत ने मामले में आगे की सुनवाई शुक्रवार दोपहर बाद के लिए स्थगित करते हुए कहा कि अगर सरकार सात अप्रैल के आदेश का पालन करने के लिए शुक्रवार को ही कदम नहीं उठाती है तो वह आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने पर विचार करेगी।

ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न के आरोपी शिंदे की 23 सितंबर, 2024 को पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में गोली लगने से मौत हो गयी थी।

यह घटना उस वक्त हुई थी जब शिंदे को तलोजा जेल से कल्याण ले जाया जा रहा था। पुलिस ने दावा किया कि आरोपी ने उन पर गोलियां चलाईं और वह जवाबी कार्रवाई में मारा गया।

भाषा

सिम्मी नरेश

नरेश


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