Hijab Ban: हिजाब को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, बैन हटाने से किया इनकार, कह दी ये बड़ी बात

हिजाब को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, बैन हटाने से किया इनकार, Bombay High Court Deny to Remove Ban on Hijab

Hijab Ban: हिजाब को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, बैन हटाने से किया इनकार, कह दी ये बड़ी बात

High Court Deny to Remove Ban on Hijab

Modified Date: June 27, 2024 / 12:44 am IST
Published Date: June 26, 2024 5:30 pm IST

मुंबई: High Court Deny to Remove Ban on Hijab बंबई उच्च न्यायालय ने शहर के एक कॉलेज द्वारा परिसर में हिजाब, बुर्का और नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश में हस्तक्षेप करने से बुधवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति ए एस चंदुरकर और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की खंडपीठ ने कहा कि वह कॉलेज द्वारा लिए गए फैसले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती और उसने नौ छात्राओं द्वारा इसके खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी। ये विज्ञान डिग्री पाठ्यक्रम की द्वितीय व तृतीय वर्ष की छात्राएं हैं।

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High Court Deny to Remove Ban on Hijab छात्राओं ने इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय का रुख कर ‘चेंबूर ट्रॉम्बे एजुकेशन सोसाइटी’ के एन. जी. आचार्य और डी. के. मराठे कॉलेज द्वारा जारी उस निर्देश को चुनौती दी थी, जिसमें हिजाब, नकाब, बुर्का, स्टोल, टोपी पहनने और किसी भी तरह का बैज लगाने पर प्रतिबंध लगाने वाले ‘ड्रेस कोड’ को लागू किया गया था। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि यह नियम उनके धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार, निजता के अधिकार और ‘‘पसंद के अधिकार’’ का उल्लंघन करता है। उन्होंने दावा किया कि कॉलेज की कार्रवाई ‘‘मनमानी, अनुचित, कानून के अनुसार गलत और विकृत’’ थी।

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याचिकाकर्ताओं के वकील अल्ताफ खान ने पिछले सप्ताह अपने इस दावे के समर्थन में कुरान की कुछ आयतों का हवाला दिया था कि हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अपने धर्म का पालन करने के अधिकार के अलावा याचिकाकर्ता अपनी ‘‘पसंद और निजता के अधिकार’’ पर भी भरोसा कर रहे हैं। वहीं, कॉलेज ने दावा किया था कि उसके परिसर में हिजाब, नकाब और बुर्का पहनने पर प्रतिबंध केवल एक समान ‘ड्रेस कोड’ लागू करने के लिए है और इसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाना नहीं है।

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।