भाजपा की पूर्व प्रवक्ता के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति पर विवाद

भाजपा की पूर्व प्रवक्ता के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति पर विवाद

भाजपा की पूर्व प्रवक्ता के उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति पर विवाद
Modified Date: August 6, 2025 / 12:47 am IST
Published Date: August 6, 2025 12:47 am IST

मुंबई, पांच अगस्त (भाषा) कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के नेताओं ने वकील आरती साठे की मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति पर मंगलवार को आपत्ति जताते हुए दावा किया कि वह महाराष्ट्र भाजपा की प्रवक्ता रह चुकी हैं जो न्यायिक प्रणाली की निष्पक्षता को प्रभावित करेगा।

विपक्ष के दावे को खारिज करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा कि साठे ने पिछले साल पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि अगर भाजपा का प्रवक्ता रह चुका व्यक्ति न्यायाधीश बन जाता है तो क्या जनता को न्याय मिलेगा और क्या संविधान की रक्षा हो पाएगी।

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के विधायक रोहित पवार ने फरवरी 2023 में महाराष्ट्र भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले द्वारा साठे को महाराष्ट्र भाजपा प्रवक्ता नियुक्त किए जाने के पत्र का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया। पवार ने कहा कि न्यायाधीश के तौर पर उनकी नियुक्ति न्यायिक व्यवस्था की निष्पक्षता पर असर डालेगी।

उपाध्याय ने कहा कि साठे को भाजपा से इस्तीफा दिए डेढ़ साल हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘अब उनका भाजपा से कोई संबंध नहीं है। कांग्रेस और रोहित पवार कॉलेजियम के फैसले की आलोचना कर रहे हैं।’

राज्यसभा सदस्य और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता साकेत गोखले ने भी महाराष्ट्र भाजपा की पूर्व प्रवक्ता को मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किए जाने के मुद्दे को उठाया।

भाषा नोमान संतोष

संतोष


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