मुंबई, पांच सितंबर (भाषा) मुंबई की एक विशेष अदालत ने धन शोधन के एक मामले में एक्सिस म्यूचुअल फंड के पूर्व कोष प्रबंधक को जमानत देने से इनकार कर दिया और कहा कि आर्थिक अपराध देश की सामाजिक-आर्थिक स्थिति और वित्तीय प्रणालियों को प्रभावित करते हैं।
अदालत ने कहा कि आरोपी वीरेश जोशी के खिलाफ निवेशकों के 91 करोड़ रुपये की हेराफेरी के गंभीर आरोप हैं।
विशेष न्यायाधीश आर बी रोटे ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक मामले में जोशी की जमानत याचिका पिछले सप्ताह खारिज कर दी थी।
शुक्रवार को विस्तृत आदेश जारी किया गया। जोशी को जांच एजेंसी ने पिछले महीने गिरफ्तार किया था।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि जोशी ने अपने पद का दुरुपयोग किया और कोष के बड़े लेन-देन की गोपनीय जानकारी अपने साथियों को देकर निजी फायदा उठाया।
अदालत ने कहा कि मामले के रिकॉर्ड से पता चलता है कि ईडी ने पर्याप्त सामग्री एकत्र की है, जिससे प्रथम दृष्टया पता चलता है कि जोशी ने धन शोधन किया है।
इसने कहा कि जांच अब भी जारी है और जमानत देने से आरोपी साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है तथा गवाहों को प्रभावित कर सकता है।
भाषा नोमान अविनाश
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