‘उम्मीद’ पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों का विवरण अपलोड करने की समयसीमा छह महीने के लिए बढ़ायी गयी

‘उम्मीद’ पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों का विवरण अपलोड करने की समयसीमा छह महीने के लिए बढ़ायी गयी

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  • Publish Date - December 24, 2025 / 02:03 PM IST,
    Updated On - December 24, 2025 / 02:03 PM IST

जालना (महाराष्ट्र), 24 दिसंबर (भाषा) छत्रपति संभाजीनगर में स्थित महाराष्ट्र राज्य वक्फ न्यायाधिकरण ने ‘उम्मीद’ पोर्टल पर वक्फ संपत्ति का विवरण अपलोड करने की अवधि छह महीने के लिए और बढ़ा दी है।

‘उम्मीद’ (यूनिफाइड वक्फ़ मैनेजमेंट, एम्पॉवरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) पोर्टल केंद्र सरकार की वक्फ संपत्तियों के डिजिटल प्रबंधन के लिए एक प्रणाली है। वक्फ संपत्तियां किसी मुसलमान द्वारा धार्मिक, धर्मार्थ या नेक कामों के लिए चल या अचल संपत्ति (जैसे जमीन, इमारतें, पैसों) का स्थायी दान होती हैं।

न्यायाधिकरण ने मंगलवार को महाराष्ट्र राज्य वक्फ मंडल की एक अंतरिम अर्जी पर यह राहत दी क्योंकि पंजीकरण की समयसीमा पांच दिसंबर को खत्म हो गई थी। मंडल ने न्यायाधिकरण को बताया कि ‘उम्मीद’ पोर्टल के सहायता दल से ईमेल और व्हाट्सऐप के जरिए बार-बार संपर्क करने के बावजूद कई तकनीकी दिक्कतें हल नहीं हुईं।

मंडल के मुताबिक, महाराष्ट्र में करीब 36,000 पंजीकृत वक्फ संस्थान हैं। मंडल ने बताया कि उसने सभी 36,000 संस्थानों के विवरण जमा कर दिए हैं लेकिन करीब 75,000 वक्फ संपत्तियों में से सिर्फ 50,000 संपत्ति ही पोर्टल पर अपलोड हो पाईं।

न्यायाधिकरण ने मंडल को छह महीने की मोहलत दी और आदेश दिया कि यह छूट तब शुरू होगी जब ‘उम्मीद’ पोर्टल वक्फ मंडल और सभी वक्फ संस्थानों के लिए ‘‘पूरी तरह से काम करने लगेगा, और वह बिना किसी तकनीकी दिक्कत के चौबीस घंटे काम करेगा।’’

उसने विभिन्न केंद्रीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि उम्मीद पोर्टल की सभी तकनीकी खामियों और ‘‘कमियों’’ को 10 दिनों के भीतर दूर किया जाए। सभी कमियां पूरी तरह से दूर किए जाने के बाद ही पोर्टल को चालू किया जाए और यह बिना किसी तकनीकी बाधा के निरंतर काम करे।

इसके अलावा, न्यायाधिकरण ने इस अवधि के दौरान उम्मीद अधिनियम के प्रावधानों के तहत वक्फ संस्थानों के ‘‘मुतवल्लियों (ट्रस्टी)’’ के खिलाफ किसी भी तरह की प्रतिकूल कार्रवाई करने से अधिकारियों को रोक दिया। न्यायाधिकरण ने यह भी आदेश दिया कि यदि निर्धारित समय में खामियां दूर नहीं की जाती हैं, तो उस अवधि की भरपाई के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए।

महाराष्ट्र मुस्लिम संघ ने इस फैसले का स्वागत किया है।

भाषा गोला मनीषा

मनीषा