पटना, 24 दिसंबर (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राज्य की राजधानी पटना के मीठापुर क्षेत्र में बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय और बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय के निर्माणाधीन परिसरों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता किए बिना कार्य को तेजी से पूरा किया जाए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि राज्य के छात्र-छात्राओं को उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकी और पेशेवर शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में न जाना पड़े, इसी उद्देश्य से इन दोनों विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा रही है।
उन्होंने निर्माण एजेंसियों को समयबद्ध ढंग से काम पूरा करने और आधुनिक सुविधाओं से युक्त भवन तैयार करने पर विशेष जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत बुनियादी ढांचा युवाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए सक्षम बनाता है।
बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का परिसर आधुनिक शैक्षणिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर विकसित किया जा रहा है।
करीब 27,567 वर्गमीटर क्षेत्रफल में बन रहे इस विश्वविद्यालय में प्रशासनिक-सह-शैक्षणिक भवन, परीक्षा कक्ष, औषधालय, बहुउद्देशीय मंच, प्रतीक्षालय, सूचना केंद्र, नामांकन शाखा, कुलपति कक्ष तथा प्रशिक्षण-सह-स्थापन शाखा जैसी सुविधाएं प्रस्तावित हैं।
इस विश्वविद्यालय से राज्य में चिकित्सा और स्वास्थ्य से जुड़े पाठ्यक्रमों को एक संगठित और आधुनिक मंच मिलने की उम्मीद है, जिससे मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय का मुख्य भवन चार मंजिला होगा, जिसका कुल निर्मित क्षेत्रफल लगभग 1,11,732 वर्गफुट बताया गया है। यह विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग शिक्षा को नयी दिशा देने के साथ-साथ शोध और नवाचार को भी बढ़ावा देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये संस्थान बिहार के युवाओं को प्रौद्योगिकी दक्षता से लैस कर राज्य के औद्योगिक और आधारभूत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मीठापुर क्षेत्र पहले से ही पटना के प्रमुख शैक्षणिक केंद्र के रूप में उभर चुका है जहां चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट), चाणक्या राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान स्थित हैं।
उन्होंने कहा कि इन दोनों नए विश्वविद्यालयों के निर्माण से यह क्षेत्र और अधिक विकसित होगा तथा शिक्षा, शोध और नवाचार का एक सशक्त क्लस्टर तैयार होगा, जिससे न केवल पटना बल्कि पूरे बिहार की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत होगी।
भाषा कैलाश
मनीषा खारी
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