एसजीएनपी से विस्थापित हुए लोगों को फ्लैट का कब्जा देने में ‘डेवलपर्स’ कर रहे हैं देरी : वन मंत्री

एसजीएनपी से विस्थापित हुए लोगों को फ्लैट का कब्जा देने में ‘डेवलपर्स’ कर रहे हैं देरी : वन मंत्री

एसजीएनपी से विस्थापित हुए लोगों को फ्लैट का कब्जा देने में ‘डेवलपर्स’ कर रहे हैं देरी : वन मंत्री
Modified Date: March 10, 2025 / 07:21 pm IST
Published Date: March 10, 2025 7:21 pm IST

मुंबई, 10 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के मंत्री गणेश नाइक ने संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (एसजीएनपी) से विस्थापित लोगों के पुनर्वास के प्रयासों की धीमी प्रगति, विशेष रूप से ‘डेवलपर्स’ द्वारा फ्लैट के हस्तांतरण में हो रही देरी पर सोमवार को चिंता व्यक्त की।

विधानपरिषद में शिवसेना (उबाठा) के सदस्य सचिन अहीर के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्य के वन मंत्री ने बताया कि अतिक्रमण हटाने के कारण विस्थापित हुए लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार के प्रयासों के बावजूद, ‘डेवलपर्स’ ने अभी तक फ्लैटों का कब्जा नहीं दिया है।

यह मामला उच्च न्यायालय के एक आदेश पर आधारित है। उच्च न्यायालय ने 1996 में इस राष्ट्रीय उद्यान के क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था।

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पहले चरण में जहां 11,000 से अधिक अतिक्रमणों को हटाया गया, वहीं दूसरे चरण में 13,486 झोपड़ियों को स्थानांतरित करने में काफी बाधाएं आयीं।

नाइक ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हमने उद्यान से 11,359 अतिक्रमणों को उद्यान से हटाया। हालांकि, दूसरे चरण में चुनौतियां हैं ।’’

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित पुनर्वास स्थल को ‘हवाई फनेल जोन’ (एक खास प्रकार का विमानन पथ) संबंधी चिंताओं के कारण भारतीय विमानन प्राधिकरण की ओर से प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा तथा पुनर्वास परियोजना को म्हाडा को हस्तांतरित करने एवं निविदा प्रक्रियाओं को रद्द करने से प्रक्रिया में और देरी हुई।

मंत्री ने कहा कि उद्यान से व्यावसायिक अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

भाषा राजकुमार नरेश

नरेश


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