साल 2025 में ओटीटी पर सबसे अधिक देखी गईं ‘डॉन’, ‘मेरा नाम जोकर’ और ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’: रिपोर्ट

साल 2025 में ओटीटी पर सबसे अधिक देखी गईं ‘डॉन’, ‘मेरा नाम जोकर’ और ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’: रिपोर्ट

साल 2025 में ओटीटी पर सबसे अधिक देखी गईं ‘डॉन’, ‘मेरा नाम जोकर’ और ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’: रिपोर्ट
Modified Date: December 25, 2025 / 07:26 pm IST
Published Date: December 25, 2025 7:26 pm IST

मुंबई, 25 दिसंबर (भाषा) भारतीय दर्शकों ने 2025 में ऑनलाइन मंचों पर अनेक फिल्म देखीं, जिनमें अमिताभ बच्चन की “डॉन” और राज कपूर की “मेरा नाम जोकर” से लेकर आमिर खान की “सरफरोश” और संजय दत्त की “मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस.” जैसी फिल्म शामिल रहीं।

अल्ट्रा मीडिया की 2025 की एक रिपोर्ट के अनुसार, दर्शकों ने व्यापक तौर पर फिल्में देखी और इनमें 2000 के बाद की हिंदी की लोकप्रिय फिल्में विशेष तौर पर शामिल रहीं।

अल्ट्रा मीडिया एंड एंटरटेनमेंट ग्रुप ने ‘द अल्ट्रा मीडिया ओटीटी इंसाइट्स रिपोर्ट 2025’ जारी की, जिसमें आंकड़ों के आधार पर यह बताया गया है कि इस साल भारतीय दर्शकों ने डिजिटल माध्यमों पर कौन सी फिल्में सबसे अधिक देखीं।

 ⁠

रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 2000 के बाद की हिंदी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में दर्शकों की रुचि देखने को मिली। दर्शकों ने सबसे ज्यादा इस दौर की फिल्म देखीं।

रिपोर्ट के अनुसार इसके बाद सबसे अधिक 1990 के दशक की फिल्म देखी गईं, जबकि 1950 से 1970 के दशक की फिल्मों की ओर भी काफी दर्शक आकर्षित हुए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 1980 से पहले की क्लासिक हिंदी फिल्मों में “डॉन”, “अमर प्रेम”, “बॉबी”, “आराधना” और “मेरा नाम जोकर” 2025 में अल्ट्रा प्ले पर सबसे ज्यादा देखी जाने वाली पांच फिल्में बनीं।

रिपोर्ट के अनुसार, 1990 से 2000 की शुरुआत की फिल्मों में “मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस”, “अंदाज अपना अपना”, “तेजाब”, “सरफरोश”, “कोई… मिल गया”, “खलनायक”, “करण अर्जुन” और “घायल” सबसे अधिक देखी गई।

ओटीटी को लेकर रिपोर्ट में यह भी तथ्य सामने आया कि देशभर में सबसे अधिक जुड़ाव महानगरों से रहा, जिसमें दिल्ली और मुंबई प्रमुख हैं, इसके बाद पुणे, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर और पटना का स्थान रहा।

क्षेत्रों के अनुसार दर्शकों का स्पष्ट झुकाव 2000 के बाद की बेहद लोकप्रिय, एक्शन-थ्रिलर, दक्षिण भारतीय की डब फिल्मों और ‘क्लासिक’ हिंदी फिल्मों की ओर देखा गया।

अल्ट्रा मीडिया और एंटरटेनमेंट ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुशील कुमार अग्रवाल ने कहा कि यह आंकड़ा दर्शकों के ‘क्लासिक फिल्मों और फिर से सहेजी गई फिल्मों’ के प्रति बढ़ते प्रेम को दर्शाता है।

भाषा जोहेब पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में