मुद्दों पर केवल बात करने के लिए फिल्म मत बनाइए, उन्हें महसूस कीजिए: मणिरत्नम

मुद्दों पर केवल बात करने के लिए फिल्म मत बनाइए, उन्हें महसूस कीजिए: मणिरत्नम

मुद्दों पर केवल बात करने के लिए फिल्म मत बनाइए, उन्हें महसूस कीजिए: मणिरत्नम
Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 pm IST
Published Date: September 26, 2022 6:38 pm IST

(कोमल पंचमटिया)

मुंबई, 26 सितंबर (भाषा) फिल्मकार मणि रत्नम का कहना है कि फिल्में मुद्दों पर पर सिर्फ बात करने के लिए नहीं बनाई जाती हैं, बल्कि वे महसूस होने चाहिए और और सोचने पर मजबूर करने वाले होने चाहिए।

मणि रत्नम की कुछ फिल्में भारतीय समाज की जटिलताओं पर आधारित रही हैं। वह अपनी नई फिल्म ‘ पोन्नियिन सेल्वन -1’ की रिलीज़ होने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने पहली बार इतिहास पर आधारित फिल्म बनाई है। इसकी कहानी 9वीं सदी के चोल वंश पर आधारित है।

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फिल्मकार ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, “ सभी मुद्दे आज भी वास्तविक और प्रासंगिक हैं। यह 1,000 साल पहले था और इसमें से बहुत कुछ अभी भी आम है। राजनीति, सत्ता के लिए संघर्ष और इससे होने वाली पीड़ा… फिल्म में हर व्यक्ति किसी न किसी से स्वयं को जोड़ सकेगा।”

रत्नम ने कहा, “ हम वास्तविक जीवन में विभिन्न चरणों से गुजरते हैं और एक ऐसा समय होता हैं जब सिर्फ वे मुद्दे आपके लिए मायने रखते हैं और आप उन्हें फिल्मों में बदलने की कोशिश करते हैं। ऐसे बहुत से मुद्दे हैं जिनके बारे में बात करने के लिए मुझे कोई माध्यम नहीं मिला, इसलिए उनपर फिल्म नहीं बनी।”

उन्होंने यह भी कहा, “ आप केवल मुद्दों के बारे में बात करने के लिए फिल्म नहीं बनाते हैं, आपको उन्हें महसूस करना चाहिए। उन्हें आपको परेशान करना चाहिए और वे किसी न किसी तरीके से फिल्म में नजर आने चाहिए ।”

66 वर्षीय फिल्म निर्देशक ने कहा कि नए निर्देशक जबर्दस्त फिल्में बना रहे हैं और यह होता रहेगा, “ मैं इस बारे में आशावादी हूं।”

उनकी फिल्मों के दूरगामी प्रभावों के बारे में पूछे जाने पर, रत्नम ने कहा कि कई मुद्दे समाज पर मंडरा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “ हमें कोई समाधान नहीं मिला… मुझे लगता है कि भारत जैसे जटिल देश में किसी समस्या को हल करना आसान नहीं है। लेकिन हम इन सभी जटिलताओं के साथ इतनी अच्छी तरह से आगे बढ़ते रहते हैं जो आश्चर्यजनक है।”

रत्नम ने बताया कि उनकी नई फिल्म ‘पोन्नियिन सेल्वन -1’ 1955 में काल्की कृष्णमूर्ति के इसी नाम से प्रकाशित तमिल उपन्यास पर आधारित है। इस फिल्म की कहानी अरूलमोझीवर्मन के शुरुआती दिनों पर आधारित है। वह दक्षिण के सबसे शक्तिशाली राजा थे जो महान चोल सम्राट राजराजा चोल प्रथम बने।

फिल्म में विक्रम, ऐश्वर्या राय बच्चन, कार्थी, तृषा कृष्णन, प्रकाश राज, जयराम, जयम रवि और ऐश्वर्या लक्ष्मी समेत अन्य कलाकार हैं।

फिल्म का निर्माण रत्नम के ‘मद्रास टॉकीज़’ और अल्लिराजा सुभास्करन के ‘लाइका प्रोडक्शंस’ ने किया है। यह फिल्म तमिल, हिंदी, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में रिलीज़ की जाएगी।

रत्नम ने ‘रोजा’, ‘बॉम्बे’, ‘दिल से’, ‘गुरु, और ‘रावणन‘ जैसी फिल्में बनाई हैं।

भाषा नोमान नरेश

नरेश


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