मुंबई, 30 अगस्त। केंद्र पर कटाक्ष करते हुए, शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं को मिलने वाला, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का नोटिस ‘डेथ वारंट’ नहीं है, बल्कि एक ‘प्रेम पत्र’ है। इससे एक दिन पहले केंद्रीय एजेंसी ने शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब को उसके सामने पेश होने को कहा था। राउत ने पत्रकारों से कहा, “मजबूत और अभेद्य महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की दीवार को तोड़ने के असफल प्रयासों के बाद ऐसे प्रेम पत्रों की संख्या बढ़ गई है।” राउत ने कहा कि परब को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने निशाना बनाया है। उन्होंने कहा, ‘वह नोटिस का जवाब देंगे और ईडी के साथ सहयोग करेंगे।
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अधिकारियों ने रविवार को बताया कि ईडी ने परब को, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य के खिलाफ दर्ज धन शोधन के मामले में मंगलवार को पूछताछ के लिए तलब किया है। राउत ने कहा, “या तो भाजपा का व्यक्ति ईडी में डेस्क अफसर है या ईडी का अधिकारी भाजपा कार्यालय में काम कर रहा है।” भाजपा की पूर्व सहयोगी शिवसेना, महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( राकांपा) और कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करती है। उन्होंने भाजपा पर महाराष्ट्र में मंदिरों को फिर से खोलने के लिए प्रदर्शन आयोजित करने को लेकर भी निशाना साधा, जो कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण बंद हैं।
शिवसेना नेता ने कहा, “महाराष्ट्र सरकार केंद्र के निर्देशों का पालन कर रही है, जिसमें राज्यों को आगामी त्योहारों से पहले और कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने की आशंका के मद्देनजर सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। हमारा मानना है कि केंद्र सरकार भी ‘हिंदुत्ववादी’ है।” हरियाणा में किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि भाजपा को किसानों के बहे खून की कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा, “हरियाणा में एक स्थानीय एसडीएम ने प्रदर्शन कर रहे किसानों का सिर फटने तक पुलिस को लाठीचार्ज करने का आदेश दिया।”
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करनाल में किसानों के प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात अधिकारी कैमरे में पुलिस से कथित रूप से ‘किसानों के सिर फोड़ने’ के लिए कहते हुए नजर आए। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और राजनीतिक पार्टियों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।