ईडी ने धन शोधन मामले में वसई विरार महानगरपालिका के पूर्व आयुक्त के परिसरों पर छापे मारे

ईडी ने धन शोधन मामले में वसई विरार महानगरपालिका के पूर्व आयुक्त के परिसरों पर छापे मारे

ईडी ने धन शोधन मामले में वसई विरार महानगरपालिका के पूर्व आयुक्त के परिसरों पर छापे मारे
Modified Date: July 29, 2025 / 01:16 pm IST
Published Date: July 29, 2025 1:16 pm IST

मुंबई, 29 जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वसई विरार शहर महानगरपालिका (वीवीसीएमसी) के अधिकार क्षेत्र में ‘‘बड़े पैमाने’’ पर अवैध निर्माण से जुड़ी धन शोधन की जांच के सिलसिले में उसके पूर्व आयुक्त अनिल पवार से जुड़े कई परिसरों पर मंगलवार को छापे मारे।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत विरार, मुंबई और नासिक में पवार, उनके परिवार के सदस्यों, सहयोगियों और कथित बेनामीदारों (जिनके नाम पर बेनामी संपत्ति है) के 12 परिसरों की तलाशी ली गई।

पवार का हाल ही में वीवीसीएमसी से तबादला हुआ है।

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खबरों के अनुसार, पवार को सोमवार को आधिकारिक तौर पर विदायी दी गयी।

धन शोधन का यह मामला मीरा भायंदर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा कुछ बिल्डर, स्थानीय गुंडों और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई एक प्राथमिकी से उपजा है।

ईडी द्वारा पहले जारी किए गए एक बयान के अनुसार, यह मामला 2009 से वीवीएमसी के अधिकार क्षेत्र में सरकारी और निजी भूमि पर आवासीय-सह-व्यावसायिक भवनों के ‘‘अवैध’’ निर्माण से संबंधित है।

ईडी ने कहा था कि वसई विरार शहर की स्वीकृत विकास योजना के अनुसार, ‘सीवेज शोधन संयंत्र’ और कूड़ाघर के लिए आरक्षित भूमि पर समय-समय पर 41 अवैध इमारतों का निर्माण किया गया।

ईडी ने कहा, ‘‘आरोपी बिल्डर और डेवलपर्स ने ऐसी जमीन पर अवैध इमारतें बनाकर आम जनता को धोखा दिया और बाद में जाली अनुमोदन दस्तावेज बनाकर उसे आम जनता को बेच दिया।’’

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया, ‘‘यह जानते हुए भी कि ये इमारतें अनधिकृत हैं और अंततः इन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा, डेवलपर्स ने इन इमारतों में कमरे बेचकर लोगों को गुमराह किया और इस तरह गंभीर धोखाधड़ी की।’’

बंबई उच्च न्यायालय ने जुलाई 2024 में एक आदेश जारी कर सभी 41 इमारतों को ध्वस्त करने का आदेश दिया। इन आवासीय इकाइयों के निवासियों ने बाद में उच्चतम न्यायालय में एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया और वीवीएमसी ने 20 फरवरी को इन संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया।

ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि ‘‘वास्तुकार, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, संपर्क अधिकारी और वीवीसीएमसी के अधिकारियों/कर्मचारियों का एक बड़ा गिरोह आपस में मिलीभगत करके काम कर रहा है।’’

ईडी ने कहा, ‘‘यह गिरोह वीवीसीएमसी के अधिकार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार है।’’

ईडी ने कहा कि तलाशी के दौरान ‘‘अपराधजन्य’’ डिजीटल उपकरण बरामद हुए, जिनसे इस अवैध निर्माण घोटाले में वीवीसीएमसी के अधिकारियों की ‘‘संलिप्तता’’ का पता चलता है।

भाषा गोला माधव

माधव


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