एल्गार मामला: नवलखा को नजरबंद करने की औपचारिकताओं पर सुनवाई के लिए विशेष अदालत लाया गया

एल्गार मामला: नवलखा को नजरबंद करने की औपचारिकताओं पर सुनवाई के लिए विशेष अदालत लाया गया

एल्गार मामला: नवलखा को नजरबंद करने की औपचारिकताओं पर सुनवाई के लिए विशेष अदालत लाया गया
Modified Date: November 29, 2022 / 07:52 pm IST
Published Date: November 15, 2022 5:03 pm IST

मुंबई, 15 नवंबर (भाषा) मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी गौतम नवलखा को नजरबंद करने के लिए जेल से उनकी रिहाई की औपचारिकताएं पूरी करने के सिलसिले में मंगलवार को यहां एक विशेष एनआईए अदालत में लाया गया।

मामले में अन्य आरोपी को भी जेल से अदालत लाया गया क्योंकि मामला नियमित सुनवाई के लिए मंगलवार को सूचीबद्ध था।

उच्चतम न्यायालय ने पड़ोसी नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद नवलखा (70) को उनके स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक महीने के लिए नजरबंद रखने की अनुमति दी थी। लेकिन वह जेल से बाहर नहीं आ सके क्योंकि उनकी रिहाई की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।

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नवलखा 2017-18 के मामले में अप्रैल 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने दावा किया है कि वह कई रोगों से ग्रसित हैं।

उच्चतम न्यायालय ने 10 नवंबर को नवलखा को एक महीने के लिए कुछ शर्तों के साथ नजरबंद रखने की अनुमति दे दी थी और कहा था कि उसके आदेश का 48 घंटों के अंदर क्रियान्वयन किया जाए।

यह मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में हुए एल्गार परिषद में कथित भड़काऊ भाषण देने से संबद्ध है। पुलिस ने दावा किया था कि इसके अगले दिन महाराष्ट्र के कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़की थी।

पुलिस के अनुसार, प्रतिबंधित माओवादी समूहों से संबद्ध लोगों ने कार्यक्रम का आयोजन किया था। मामले में एक दर्जन से अधिक मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों को आरोपी बनाया गया। यह मामला बाद में एनआईए को सौंप दिया गया था।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश


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