एल्गर मामला: शोधकर्ता विल्सन, कार्यकर्ता धवले जमानत पर रिहा

एल्गर मामला: शोधकर्ता विल्सन, कार्यकर्ता धवले जमानत पर रिहा

एल्गर मामला: शोधकर्ता विल्सन, कार्यकर्ता धवले जमानत पर रिहा
Modified Date: January 24, 2025 / 02:54 pm IST
Published Date: January 24, 2025 2:54 pm IST

मुंबई, 24 जनवरी (भाषा) एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी शोधकर्ता रोना विल्सन और कार्यकर्ता सुधीर धवले को शुक्रवार को नवी मुंबई जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया।

दोनों को छह वर्ष पहले गिरफ्तार किया गया था।

मामले की सुनवाई कर रही विशेष एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) अदालत के समक्ष जमानत की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों को अपराह्न करीब डेढ़ बजे तलोजा जेल से रिहा कर दिया गया।

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बम्बई उच्च न्यायालय ने 15 दिन पहले दोनों आरोपियों को जमानत दी थी।

उच्च न्यायालय ने आठ जनवरी को विल्सन और धवले को जमानत देते हुए कहा था कि वे 2018 से जेल में हैं और मामले में मुकदमा अभी शुरू होना बाकी है।

आरोपियों पर आतंकवाद विरोधी अधिनियम गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाये गये हैं।

उच्च न्यायालय ने दोनों आरोपियों को राहत देते हुए कहा, “वे 2018 से जेल में हैं। मामले में आरोप भी अभी तय नहीं हुए हैं। अभियोजन पक्ष ने 300 से ज्यादा गवाहों का हवाला दिया है, इसलिए निकट भविष्य में मुकदमा खत्म होने की कोई संभावना नहीं है।”

आपराधिक मामले में आरोप तय होने के बाद मुकदमा शुरू होता है।

धवले और विल्सन के अलावा इस मामले में 14 अन्य कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों को गिरफ्तार किया गया था।

यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गर परिषद सम्मेलन में कथित तौर पर दिए गए भड़काऊ भाषणों से संबंधित है, जिसके कारण अगले दिन पुणे शहर के बाहर कोरेगांव-भीमा में हिंसा भड़क गई थी।

पुणे पुलिस ने दावा किया था कि सम्मेलन को माओवादियों का समर्थन प्राप्त था हालांकि बाद में एनआईए ने जांच अपने हाथ में ले ली थी।

भाषा जितेंद्र रंजन

रंजन


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