जासूसी मामले में पूर्व ब्रह्मोस इंजीनियर की उम्रकैद की सजा रद्द

जासूसी मामले में पूर्व ब्रह्मोस इंजीनियर की उम्रकैद की सजा रद्द

जासूसी मामले में पूर्व ब्रह्मोस इंजीनियर की उम्रकैद की सजा रद्द
Modified Date: December 3, 2025 / 12:25 am IST
Published Date: December 3, 2025 12:25 am IST

नागपुर, दो दिसंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने जासूसी मामले में दोषी ठहराए गए पूर्व ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंजीनियर निशांत अग्रवाल को दी गई उम्रकैद की सजा को यह कहते हुए रद्द कर दिया है कि उसने राष्ट्रीय हित के खिलाफ काम नहीं किया।

हालांकि, अदालत ने लापरवाही के लिए अग्रवाल की दोषसिद्धि को बरकरार रखा।

पिछले साल जून में यहां की एक सत्र अदालत ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व इंजीनियर निशांत प्रदीप कुमार अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अग्रवाल को 2018 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

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उच्च न्यायालय ने अग्रवाल की दोषसिद्धि को आंशिक रूप से पलटते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष ने ऐसा कोई भी साक्ष्य पेश नहीं किया, जिससे पता चले कि अग्रवाल ने ‘‘भारत की एकता, अखंडता, सुरक्षा या संरक्षा’’ को खतरा पहुंचाने या समाज में आतंक फैलाने के लिए कुछ किया है।

न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति प्रवीण पाटिल की खंडपीठ ने सोमवार को अग्रवाल को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और सरकारी गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) के तहत प्रमुख आरोपों से मुक्त कर दिया और उसकी आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया।

हालांकि, खंडपीठ ने ओएसए की धारा पांच(1)(डी) के तहत अग्रवाल की दोषसिद्धि और तीन साल की जेल की सजा को बरकरार रखा, जो ‘‘लापरवाही और अपने पास मौजूद संवेदनशील जानकारी की पर्याप्त देखभाल करने में विफलता’’ के लिए दी गई।

भाषा सिम्मी पारुल

पारुल


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