फडणवीस दिल्ली से खाली हाथ लौटे : सपकाल

फडणवीस दिल्ली से खाली हाथ लौटे : सपकाल

फडणवीस दिल्ली से खाली हाथ लौटे : सपकाल
Modified Date: October 5, 2025 / 09:04 pm IST
Published Date: October 5, 2025 9:04 pm IST

नागपुर, पांच अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के रविवार को महाराष्ट्र दौरे के बीच कहा कि देवेंद्र फडणवीस सरकार को बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए।

सपकाल ने यह भी दावा किया कि फडणवीस दिल्ली से ‘‘खाली हाथ’’ लौटे और किसानों के लिए राहत पैकेज लाने में असमर्थ रहे।

महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी के नेतृत्व में ‘संविधान सत्याग्रह पदयात्रा’ के समापन के बाद यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह आयोजन सफल रहा, क्योंकि लोग देश को फुले, शाहू, आंबेडकर के आदर्शों और लोकतंत्र के रास्ते पर आगे ले जाना चाहते हैं।

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पदयात्रा 29 सितंबर को दीक्षाभूमि से शुरू हुई और दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर वर्धा के सेवाग्राम आश्रम में संपन्न हुई।

शाह के दौरे के बारे में पूछे जाने पर सपकाल ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार को भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता राशि घोषित करनी चाहिए साथ ही उसे तुरंत पूर्ण कृषि ऋण माफी की घोषणा करनी चाहिए।’’

उन्होंने दावा किया कि शाह ‘‘महाराष्ट्र के सुपर मुख्यमंत्री’’ हैं, जो राज्य के मामलों को देखते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘फडणवीस किसानों की स्थिति पर बात करने दिल्ली गए थे, लेकिन खाली हाथ लौट आए।’

शाह ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार महाराष्ट्र में भारी बारिश से नुकसान झेलने वाले किसानों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी।

शाह ने अहिल्यानगर जिले में डॉ. विट्ठलराव विखे पाटिल सहकारी चीनी मिल की विस्तारित क्षमता का उद्घाटन करने के बाद किसानों की एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में हुई भारी बारिश से 60 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि प्रभावित हुई है।

महाराष्ट्र के कई हिस्सों में हाल ही में भारी बारिश हुई और बाढ़ आई, जिससे व्यापक नुकसान हुआ।

सपकाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 साल पूरे होने पर कहा कि यह एक ‘फासीवादी’ संगठन है।

सपकाल ने कहा, ‘पिछले 100 वर्षों में आरएसएस ने अपना संगठन पंजीकृत नहीं कराया है, जिसका मतलब है कि वे संविधान को स्वीकार नहीं करते। आरएसएस खुद को हिंदुत्व के दूत के रूप में स्थापित नहीं कर पाया है।’

कांग्रेस नेता ने कहा कि महात्मा गांधी की पहचान दुनिया भर में भारतीय आध्यात्मिकता के राजदूत की है और उनकी प्रतिमाएं 200 से अधिक देशों में मौजूद हैं।

भाषा शोभना दिलीप

दिलीप


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