नारायण राणे के खिलाफ 2005 में प्रदर्शन से जुड़े मामले में शिवसेना के पांच कार्यकर्ता बरी |

नारायण राणे के खिलाफ 2005 में प्रदर्शन से जुड़े मामले में शिवसेना के पांच कार्यकर्ता बरी

नारायण राणे के खिलाफ 2005 में प्रदर्शन से जुड़े मामले में शिवसेना के पांच कार्यकर्ता बरी

:   Modified Date:  November 30, 2023 / 10:07 PM IST, Published Date : November 30, 2023/10:07 pm IST

मुंबई, 30 नवंबर (भाषा) यहां की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को शिवसेना के पांच कार्यकर्ताओं को 2005 के उपद्रव और गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने के मामले में बरी कर दिया। यह मामला केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के खिलाफ मुंबई में एक विरोध प्रदर्शन से संबंधित था, जब उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरएन रोकाडे ने कहा कि पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले में व्यक्तियों की पहचान और 18 साल पुरानी घटना में उनकी कथित भूमिका में विसंगतियां थीं।

पुलिस के अनुसार, शिवसैनिकों के एक समूह ने मध्य मुंबई के प्रभादेवी में शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यालय के पास राणे के समर्थकों द्वारा आयोजित एक बैठक की ओर मार्च किया।

प्रतिद्वंद्वी समूहों के सदस्यों के बीच हाथापाई हुई और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। जांच एजेंसी ने कहा कि राणे के समर्थकों और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच पथराव में एक पुलिसकर्मी के घुटने में चोट लग गई।

लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए गैरकानूनी जमावड़ा, दंगा, हमला या आपराधिक बल के लिए शिवसेना के कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। सात लोग मुकदमे का सामना कर रहे थे और उनमें से दो की मृत्यु हो गई।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर एन रोकाडे द्वारा बरी किए गए लोगों की पहचान अशोक केलकर, लक्ष्मण भोसले, अजीत कदम, दत्ताराम शिंदे और शशि फदाते के रूप में की गई।

अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता (पुलिस) ने 8 से 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, लेकिन मामले में उनका कोई संदर्भ नहीं था।

शिवसेना छोड़ने के बाद राणे कांग्रेस में शामिल हो गए और राज्य मंत्री बने। वह वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में हैं और राज्यसभा के सदस्य हैं। जून 2022 में शिवसेना को विभाजन का सामना करना पड़ा जब विधायकों के एक वर्ग ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी।

भाषा आशीष माधव

माधव

 

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