Gangster Arun Gawli News: गैंगस्टर अरुण गवली को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, 17 साल बाद से जेल हुआ रिहा

Gangster Arun Gawli News: गैंगस्टर अरुण गवली को 2007 के हत्या मामले में 17 साल से ज्यादा समय जेल में रहने के बाद रिहा कर दिया गया है।

Gangster Arun Gawli News: गैंगस्टर अरुण गवली को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, 17 साल बाद से जेल हुआ रिहा

Gangster Arun Gawli News/Image Credit: @ahir_community2 X Handle

Modified Date: September 3, 2025 / 02:56 pm IST
Published Date: September 3, 2025 2:28 pm IST
HIGHLIGHTS
  • गैंगस्टर अरुण गवली को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत।
  • 17 साल बाद जेल से रिहा हुआ गैंगस्टर अरुण गवली।
  • हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था गवली।

मुंबई: Gangster Arun Gawli News: गैंगस्टर अरुण गवली को 2007 के हत्या मामले में 17 साल से ज्यादा समय जेल में रहने के बाद उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने पर बुधवार को नागपुर जेल से रिहा कर दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शीर्ष अदालत ने मुंबई में शिवसेना के पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहे गवली (76) को जमानत दी है। न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि गवली 17 साल से अधिक समय से जेल में है और अपील उसके समक्ष लंबित है।

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गवली परिवार ने किया अरुण का स्वागत

Gangster Arun Gawli News:  एक अधिकारी ने कहा, ‘जेल विभाग की सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद दोपहर करीब 12:30 बजे गवली जेल से बाहर आया।’ गवली के परिवार के सदस्यों, वकील और समर्थकों ने उसका स्वागत किया। उसके खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज है। शीर्ष अदालत ने निचली अदालत के नियमों और शर्तों अनुसार गवली को जमानत दी है।

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सुप्रीम कोर्ट में फैसले को दी थी चुनौती

Gangster Arun Gawli News:  गवली ने बंबई उच्च न्यायालय के नौ दिसंबर, 2019 के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें निचली अदालत की ओर से तय की गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा गया था। गवली भायखला के एक इलाके दगड़ी चॉल से चर्चित हुआ था और अखिल भारतीय सेना का संस्थापक है। वह 2004 से 2009 तक मुंबई के चिंचपोकली विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहा। अगस्त 2012 में, मुंबई की एक सत्र अदालत ने उसे इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और 17 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।


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