सरकार जरांगे की अनदेखी कर रही है, स्थिति को संभालने में विफल रही : सुप्रिया सुले
सरकार जरांगे की अनदेखी कर रही है, स्थिति को संभालने में विफल रही : सुप्रिया सुले
पुणे, एक सितंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) सांसद सुप्रिया सुले ने सोमवार को महाराष्ट्र सरकार पर मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की अनदेखी करने का आरोप लगाया, जो 29 अगस्त से मुंबई में भूख हड़ताल पर हैं।
सुले ने अधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘सरकार को पता था कि जरांगे मुंबई आ रहे हैं, और उन्हें गतिरोध से बचने के लिए कदम उठाने चाहिए थे, लेकिन वे आंदोलन को संभालने में विफल रहे।’’
बारामती की सांसद ने अपनी मांग दोहराते हुये कहा कि सरकार आरक्षण के मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाए।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘मराठा आरक्षण पर कैबिनेट में फैसला लिया जाना चाहिए और राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए। अगर किसी संवैधानिक संशोधन की ज़रूरत है (आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के द्वारा निर्धारित सीमा को हटाने के लिए), तो उसे केंद्र को भेजा जाना चाहिए।’’
जरांगे ने जिस दिन पानी पीना बंद कर दिया, उस दिन सुले ने दावा किया कि रविवार से सरकार का कोई प्रतिनिधि उनसे नहीं मिला है।
उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को आज़ाद मैदान में जरांगे से मुलाकात की।
सांसद ने सोमवार को कहा, ‘‘लोगों की समस्याओं को सुनना और समाधान निकालना मेरी नैतिक ज़िम्मेदारी है।’’ इससे एक दिन पहले, जब वह धरना स्थल पर जरांगे से मिलने गईं थीं, तब मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों ने उन पर हमला कर दिया था।
सुले ने आरक्षण विवाद के बीच अपने पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की आलोचना करने के लिए भाजपा की भी आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ राज्य सरकार के लोग राकांपा (सपा) का मज़ाक उड़ाते हैं और उसे एक ख़त्म हो चुकी पार्टी कहते हैं, लेकिन जब इतना बड़ा आंदोलन होता है, तो वे पवार साहब को दोषी ठहराते हैं। वे 250 विधायकों के साथ सत्ता में हैं, फिर भी वे उनकी आलोचना करते हैं।’’
भाषा रंजन दिलीप
दिलीप

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