‘नकदी वाले बैग’ के वीडियो पर कब तक चुप रहेंगे फडणवीस : संजय राउत

'नकदी वाले बैग' के वीडियो पर कब तक चुप रहेंगे फडणवीस : संजय राउत

‘नकदी वाले बैग’ के वीडियो पर कब तक चुप रहेंगे फडणवीस : संजय राउत
Modified Date: July 12, 2025 / 03:55 pm IST
Published Date: July 12, 2025 3:55 pm IST

मुंबई, 12 जुलाई (भाषा) शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट के ‘नकदी वाले बैग’ के वीडियो को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की चुप्पी पर शनिवार को सवाल उठाए।

सोशल मीडिया पर शुक्रवार को एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें शिरसाट एक कमरे में बैठे हुए हैं और उनके साथ एक आधा खुला हुआ बैग था, जिसमें नोटों के बंडल जैसे कुछ दिख रहा है।

हालांकि, मंत्री शिरसाट ने इस दावे को खारिज कर दिया कि यह पैसों से भरा बैग था और दावा किया कि बैग में केवल कपड़े थे।

 ⁠

राउत ने कहा कि यदि बैग में कपड़े हैं तो मंत्री को उसे खोलना चाहिए, लेकिन यह स्पष्ट है कि उसमें क्या है।

राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लोगों ने दिखा दिया है कि सरकार कितनी बुरी तरह से चलाई जा रही है। मुख्यमंत्री फडणवीस इस बारे में (नकदी बैग के साथ शिरसाट के वीडियो) क्यों नहीं बोल रहे हैं?’’

शिवसेना (उबाठा) के नेता ने कहा कि दक्षिण मुंबई में ‘एमएलए हॉस्टल कैंटीन’ में एक कर्मचारी पर हमला करने के लिए विधायक संजय गायकवाड़ पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जाना चाहिए था।

दक्षिण मुंबई स्थित इस कैंटीन में एक कर्मचारी से कथित तौर पर मारपीट करने के मामले में शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ और उनके समर्थक के खिलाफ शुक्रवार को गैर-संज्ञेय धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।

यह कार्रवाई फडणवीस के उस बयान के बाद की गई जिसमें उन्होंने कहा था कि पुलिस को जांच शुरू करने के लिए औपचारिक शिकायत का इंतजार करने की जरूरत नहीं है।

राउत ने कहा कि सरकार को अपराधियों का बचाव नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘यह हत्या का प्रयास है और असंज्ञेय अपराध नहीं है।’’

राउत ने कहा कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।

राउत ने आरोप लगाया, ‘‘हमारी शिवसेना से दुश्मनी ऐसी है कि हम एक-दूसरे से आंख नहीं मिला सकते। वे दिल्ली के चपरासी हैं और महाराष्ट्र के दुश्मन।’’

राज्यसभा सदस्य ने महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक 2024 को कार्यकर्ताओं की आवाज को कुचलने का प्रयास करार दिया।

महाराष्ट्र विधान परिषद ने विपक्ष के बहिर्गमन के बीच शुक्रवार को उस विधेयक को पारित कर दिया, जिसमें वामपंथी उग्रवादी संगठनों की गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने और इसके तहत अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती बनाने का प्रावधान किया गया है।

राउत ने इस विधेयक को अमानवीय बताते हुए आरोप लगाया कि भाजपा यह विधेयक इसलिए लाई है, क्योंकि वह आदिवासियों के लिए काम करने वालों से डरती है।

भाषा रवि कांत सुरेश

सुरेश


लेखक के बारे में