मराठा आरक्षण आंदोलन से पहले जरांगे मुंबई पहुंचे

मराठा आरक्षण आंदोलन से पहले जरांगे मुंबई पहुंचे

मराठा आरक्षण आंदोलन से पहले जरांगे मुंबई पहुंचे
Modified Date: August 29, 2025 / 08:27 am IST
Published Date: August 29, 2025 8:27 am IST

मुंबई, 29 अगस्त (भाषा) मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे शुक्रवार सुबह मुंबई के आजाद मैदान में अपने विरोध-प्रदर्शन से कुछ घंटे पहले महानगर पहुंच गए।

जरांगे सैकड़ों वाहनों के काफिले के साथ मुंबई पहुंचे और उनके पहुंचने पर वाशी में उनके समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया।

जरांगे ने बुधवार को जालना जिले के अपने गांव अंतरवाली सराटी से यह यात्रा शुरू की थी, जो मुंबई से करीब 400 किलोमीटर दूर है। वह अपने समर्थकों के साथ अनशन शुरू करने के लिए रवाना हुए थे। उनके हजारों समर्थक पहले ही मुंबई पहुंच चुके हैं।

 ⁠

मनोज जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि उनके समर्थक शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे और गणेश उत्सव में किसी प्रकार का विघ्न नहीं डालेंगे।

जरांगे की मांग है कि सभी मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए। कुनबी कृषि प्रधान समुदाय है, जो ओबीसी श्रेणी में शामिल है। ओबीसी श्रेणी में शामिल होने से मराठों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ मिलेगा।

जालना पुलिस ने जरांगे और उनके समर्थकों को 40 शर्तों के साथ मार्च की अनुमति दी थी। इन शर्तों में कानून-व्यवस्था बनाए रखना, यातायात में बाधा न डालना और आपत्तिजनक नारेबाजी नहीं करना शामिल है।

मुंबई पुलिस ने जरांगे को 29 अगस्त को सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक आजाद मैदान में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि शाम छह बजे के बाद सभी प्रदर्शनकारियों को वहां से जाना होगा।

इसके अलावा, पुलिस ने यह शर्त भी रखी है कि केवल पांच वाहन ही आजाद मैदान में प्रवेश कर सकेंगे और प्रदर्शनकारियों की संख्या 5,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए।

अधिकारियों ने जानकारी दी कि जरांगे के आंदोलन को देखते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुंबई पुलिस के 1,500 से अधिक जवानों को आजाद मैदान में तैनात किया गया है।

रेलवे पुलिस ने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां महाराष्ट्र के दूरदराज इलाकों से आरक्षण आंदोलन के समर्थक पहुंच रहे हैं।

भाषा खारी शोभना

शोभना


लेखक के बारे में