खिचड़ी घोटाला: ईडी हिरासत अवधि बढ़ी, शिवसेना (यूबीटी) नेता ने उच्च न्यायालय का रुख किया

खिचड़ी घोटाला: ईडी हिरासत अवधि बढ़ी, शिवसेना (यूबीटी) नेता ने उच्च न्यायालय का रुख किया

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  • Publish Date - January 22, 2024 / 06:43 PM IST,
    Updated On - January 22, 2024 / 06:43 PM IST

मुंबई, 22 जनवरी (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को यहां एक अदालत के समक्ष दावा किया कि धनशोधन मामले में आरोपी और शिवसेना (यूबीटी) के पदाधिकारी सूरज चव्हाण द्वारा प्राप्त ‘‘अपराध से अर्जित आय’’ का इस्तेमाल संपत्ति खरीदने और डेयरी व्यवसाय में निवेश के लिए किया गया था।

मुंबई की विशेष पीएमएलए अदालत ने कोविड-19 की अवधि के दौरान प्रवासियों को खिचड़ी के वितरण में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में चव्हाण की ईडी हिरासत 25 जनवरी तक बढ़ा दी।

बाद में, चव्हाण ने बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर अपनी गिरफ्तारी को ‘‘अवैध’’ करार देते हुए विशेष अदालत द्वारा 18 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय को उनकी हिरासत दिए जाने के आदेश की वैधता को भी चुनौती दी।

चव्हाण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) की युवा शाखा ‘युवा सेना’ की कोर कमेटी के सदस्य हैं और उन्हें शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे का करीबी माना जाता है।

एजेंसी के यहां स्थित कार्यालय में पूछताछ के बाद चव्हाण को 17 जनवरी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।

चव्हाण की प्रारंभिक ईडी हिरासत सोमवार को समाप्त होने पर जांच एजेंसी ने यह दावा करते हुए सात दिन के लिए उनका रिमांड बढ़ाने का अनुरोध किया कि आरोपी ने धनशोधन के अपराध में ‘‘बहुत महत्वपूर्ण भूमिका’’ निभाई।

उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति पी.डी. नाइक की एकल पीठ के समक्ष चव्हाण की याचिका सुनवाई के लिए आई।

चव्हाण के वकील ने विशेष अदालत की दूसरी रिमांड आदेश प्रति को शामिल करने के लिए याचिका में संशोधन करने के वास्ते समय मांगा, जिसे उच्च न्यायालय ने अनुमति दे दी और मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी के लिए निर्धारित की।

उन्होंने उच्च न्यायालय से विशेष अदालत के रिमांड आदेशों को रद्द करने और उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने का अनुरोध किया।

धनशोधन का मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की एक प्राथमिकी से जुड़ा है।

पुलिस के अनुसार, कोविड-19 के दौरान प्रवासियों को खिचड़ी उपलब्ध कराने के लिए बृहन्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) द्वारा ठेका देते समय कथित अनियमितताएं हुईं।

भाषा शफीक नेत्रपाल

नेत्रपाल