नागपुर, 13 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र विधान परिषद की एक विशेषाधिकार समिति ने सांसद अमोल मिटकरी के खिलाफ ‘झूठी और मनगढ़ंत’’ खबरें प्रसारित कर उन्हें बदनाम करने के आरोप में चार पत्रकारों को पांच दिन के कारावास की सजा की सिफारिश की है।
समिति के अध्यक्ष प्रसाद लाड ने शनिवार को राज्य विधानमंडल के ऊपरी सदन को सूचित किया कि ‘सत्य लढा’ नाम के एक यूट्यूब चैनल ने मिटकरी की सार्वजनिक छवि को धूमिल करने के लिए उनके खिलाफ मनगढ़ंत और झूठी खबरें प्रसारित की थीं।
मिटकरी ने अकोला के चार पत्रकारों – गणेश सोनवणे, हर्षदा सोनवणे, अमोल नंदुरकर, अंकुश गवांडे – और सत्य लढा के संपादक सतीश देशमुख के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया था।
लाड ने परिषद को सूचित किया कि विशेषाधिकार समिति ने शिकायत की जांच की और निष्कर्ष निकाला कि गणेश सोनवणे, हर्षदा सोनवणे, अमोल नंदुरकर और अंकुश गावंडे मानहानिकारक और भ्रामक सामग्री प्रसारित करने के लिए जिम्मेदार थे।
लाड ने बताया कि समिति ने संपादक सतीश देशमुख के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने की सिफारिश की है, क्योंकि उन्होंने लिखित रूप से माफी मांगी थी।
समिति ने प्रस्ताव दिया है कि चारों पत्रकारों को पांच दिन की कैद की सजा दी जाए।
सदन की समिति ने सुझाव दिया है कि राज्य विधानमंडल के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान चारों पत्रकारों को दंडित किया जाए, या यदि यह संभव न हो तो अगली बैठक में इस सिफारिश को लागू किया जाए।
भाषा धीरज दिलीप
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