मुंबई, 18 फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को मादक पदार्थ रोधी कार्यबल (एएनटीएफ) में 346 नए पदों के सृजन और छठे राज्य वित्त आयोग की स्थापना को मंजूरी देने समेत कई निर्णय लिये। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
एएनटीएफ का विस्तार करने का निर्णय कानूनी प्रावधानों के क्रियान्वयन को बढ़ाने और नशीले पदार्थों के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।
सरकार ने 31 अगस्त, 2023 को ऐसी इकाई की स्थापना को मंजूरी दी।
आज मंत्रिमंडल ने इस कार्यबल में 310 स्थायी पदों और 36 अनुबंधित पदों को मंजूरी दी।
इन पदों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से लेकर लिपिकीय कर्मचारी और वैज्ञानिक सहायक तक शामिल हैं।
सरकार ने बताया कि उसने 19 करोड़ रुपये से ज्यादा के आवर्ती व्यय तथा वाहन खरीद और अन्य जरूरतों के लिए तीन करोड़ रुपये से ज़्यादा के एकमुश्त व्यय को मंजूरी दी है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरे महाराष्ट्र में मादक पदार्थों के नेटवर्क के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि कार्यबल को मजबूत करने से कानून प्रवर्तन एजेंसियों को मादक पदार्थों के बढ़ते उपयोग से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद मिलेगी।
मंत्रिपरिषद ने जलगांव जिले में ‘वरखेड़े लोंधे बैराज प्रोजेक्ट’ के लिए 1,275 करोड़ रुपये भी मंजूर किये हैं।
यह परियोजना गिरना नदी पर होगी और इससे चालीसगांव और भड़गांव तालुकों में 8,290 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी।
नवीनतम अनुमोदन परियोजना के लिए तीसरी प्रशासनिक मंजूरी है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र में जल उपलब्धता को बढ़ाना है।
अन्य निर्णय में मंत्रिमंडल ने छठे राज्य वित्त आयोग की स्थापना को भी मंजूरी दी, जो एक अप्रैल, 2026 से 31 मार्च, 2031 तक के लिए वित्तीय नियोजन और संसाधन वितरण के बारे में सुझाव देगा।
आयोग द्वारा 31 दिसंबर, 2025 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री को अधिकार दिया गया है कि वह राज्यपाल को आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के नामों की सिफारिश करेंगे।
आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, आयोग स्थानीय स्वशासन संस्थाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगा तथा उनके आर्थिक प्रबंधन में सुधार के उपाय सुझाएगा।
मंत्रिपरिषद ने सांगली जिले में म्हैसल ‘लिफ्ट’ सिंचाई योजना की ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए 1,594 करोड़ रुपये की सौर ऊर्जा परियोजना को भी मंजूरी दी है।
इस परियोजना का उद्देश्य सौर ऊर्जा का उपयोग करके लगभग 39.8 करोड़ यूनिट की वार्षिक बिजली आवश्यकता को पूरा करना है।
बयान में कहा गया है कि कृष्णा कोयना लिफ्ट सिंचाई परियोजना सांगली और सोलापुर जिलों के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण है। म्हैसल योजना इसी परियोजना का हिस्सा है।
मंत्रिपरिषद ने पुणे में दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल को एक नाले पर पुल बनाने के लिए एक रुपये के नाममात्र वार्षिक पट्टे पर भूमि के आवंटन को मंजूरी दी।
दीनानाथ मंगेशकर फाउंडेशन द्वारा संचालित अस्पताल ने एरंडवाने और कर्वेनगर में अपनी संपत्तियों को जोड़ने क खातिर पुल के लिए 795 वर्ग मीटर भूमि देने का अनुरोध किया था।
यह भूमि एक रुपये के नाममात्र वार्षिक पट्टे पर दी जाएगी। फाउंडेशन निर्माण लागत वहन करेगा। पुल से मरीजों, कर्मचारियों और एम्बुलेंस की पहुंच में सुधार होने की उम्मीद है।
भाषा राजकुमार अविनाश
अविनाश
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