महाराष्ट्र: ठाणे, रायगढ़ जिलों में ट्रेन दुर्घटनाओं में दो दिनों में पांच लोगों की मौत

महाराष्ट्र: ठाणे, रायगढ़ जिलों में ट्रेन दुर्घटनाओं में दो दिनों में पांच लोगों की मौत

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  • Publish Date - September 11, 2025 / 03:23 PM IST,
    Updated On - September 11, 2025 / 03:23 PM IST

ठाणे, 11 सितंबर (भाषा) मुंबई के उपनगरीय रेल नेटवर्क पर पिछले दो दिनों में अलग-अलग दुर्घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर लोग पटरियों पर चलते समय ट्रेन की चपेट में आ गए।

उन्होंने बताया कि पांच में से चार मौतें ठाणे जिले में और एक रायगढ़ जिले में मध्य रेलवे (सीआर) के रेल मार्गों पर हुईं।

राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने बताया कि पहली घटना सोमवार शाम लगभग साढ़े छह बजे उस समय हुई, जब रायगढ़ के भिवपुरी और कर्जत रेलवे स्टेशनों के बीच ट्रेन की पटरी पार कर रहे तुषार गोविंद कुर्ले (28) की रेल की चपेट में आने से मौत हो गई।

कर्जत रेलवे पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुटी है।

कल्याण रेलवे स्टेशन के निकट खचाखच भरी एक लोकल ट्रेन में मंगलवार सुबह यात्रा करते समय संतुलन खोकर पटरी पर गिरने से 30 वर्षीय राहुल उमेश सिंह की मौत हो गई।

इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया।

मंगलवार सुबह लगभग सात बजे ठाणे जिले के टिटवाला और आसनगांव के बीच स्थित खडावली रेलवे स्टेशन के पास एक अन्य दुर्घटना में 40 वर्षीय एक व्यक्ति एक एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गया।

अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान की जा रही है।

मंगलवार दोपहर बाद शाहपुर के मौली किला निवासी और एक निजी बैंक के कर्मचारी सुशांत सुरेश ठाकरे (33) ठाणे में आसनगांव और अटगांव स्टेशनों के बीच पटरियों पर चलते समय कामाख्या एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।

दुर्घटना की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि दैनिक यात्री ठाकरे को शायद पीछे से आ रही ट्रेन का पता नहीं चला।

मंगलवार देर रात हुई एक अन्य घटना में लगभग 35 वर्षीय एक व्यक्ति वसई-दिवा लाइन पर भिवंडी और खरबाओ स्टेशनों के बीच पैदल चल रहा था कि इस दौरान एक एक्सप्रेस ट्रेन से कटकर उसकी मौत हो गई।

अधिकारी ने बताया कि बारिश के कारण पटरी के किनारे उगी घनी घास के कारण पीड़ित को शायद हटने की पर्याप्त जगह नहीं मिली और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

रेलवे के एक अधिकारी ने इन मौतों के बारे में बताया, “कई यात्री समय बचाने के चक्कर में रेल की पटरियों पर चलने का जोखिम उठाते हैं और चेतावनियों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसके कारण ऐसी घटनाएं होती हैं।”

भाषा जितेंद्र पवनेश

पवनेश