महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक से सीमा विवाद हल करने के लिए समिति का पुनर्गठन किया

महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक से सीमा विवाद हल करने के लिए समिति का पुनर्गठन किया

महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक से सीमा विवाद हल करने के लिए समिति का पुनर्गठन किया
Modified Date: June 20, 2025 / 10:14 am IST
Published Date: June 20, 2025 10:14 am IST

मुंबई, 20 जून (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने पड़ोसी राज्य कर्नाटक के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए उच्चस्तरीय समिति का पुनर्गठन किया है।

बृहस्पतिवार को जारी एक सरकारी संकल्प (जीआर) के अनुसार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता वाली समिति का पुनर्गठन किया गया है, क्योंकि सीमा विवाद से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय गैर-पक्षपातपूर्ण और प्रतिनिधि निकाय द्वारा सर्वसम्मति से लिए जाने की आवश्यकता है।

समय-समय पर नयी सरकार आने पर समिति का पुनर्गठन किया जाता रहा है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब समिति का पुनर्गठन किया गया है।

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फडणवीस इस 18 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष हैं जिसमें उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार तथा पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे, शरद पवार और पृथ्वीराज चह्वाण शामिल हैं।

समिति के अन्य सदस्यों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पाटिल और जयंत पाटिल, मंत्री चंद्रकांत पाटिल, शंभूराज देसाई, प्रकाश अबितकर, सुरेश खाड़े, भाजपा विधायक सुधीर गाडगिल, सचिन कल्याण शेट्टी, विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता शामिल हैं।

महाराष्ट्र विधानसभा में फिलहाल विपक्ष का कोई नेता नहीं है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और कांग्रेस के विधायकों को उच्चस्तरीय समिति में शामिल नहीं किया गया है।

सीमा विवाद 1957 में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद शुरू हुआ था। महाराष्ट्र ने बेलगावी को राज्य में शामिल करने की मांग की थी, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि वहां मराठी भाषी आबादी काफी है। उसने 800 से अधिक मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया जो वर्तमान में कर्नाटक में हैं।

वहीं, कर्नाटक, राज्य पुनर्गठन अधिनियम और 1967 की महाजन आयोग रिपोर्ट के अनुसार भाषाई आधार पर किए गए सीमांकन को अंतिम मानता है।

भाषा गोला वैभव

वैभव


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