महाराष्ट्र : फसल क्षति और मुआवजे के आकलन के लिए उपग्रह चित्रों का उपयोग होगा

महाराष्ट्र : फसल क्षति और मुआवजे के आकलन के लिए उपग्रह चित्रों का उपयोग होगा

महाराष्ट्र : फसल क्षति और मुआवजे के आकलन के लिए उपग्रह चित्रों का उपयोग होगा
Modified Date: April 27, 2025 / 06:29 pm IST
Published Date: April 27, 2025 6:29 pm IST

(निखिल देशमुख)

मुंबई, 27 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने फसल क्षति का आकलन करने और किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए पारंपरिक ऑन-फील्ड सर्वेक्षण के बजाय ‘सेटेलाइट इमेजरी’ और ‘नॉर्मलाइज्ड डिफरेंस वेजिटेशन इंडेक्स’ (एनडीवीआई) मानकों का उपयोग करने का निर्णय लिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

हालांकि प्रौद्योगिकी-संचालित मूल्यांकन में सूखे को शामिल नहीं किया जाएगा।

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एनडीवीआई पौधों द्वारा प्रकाश की विशिष्ट तरंगदैर्ध्य के परावर्तन या अवशोषण का विश्लेषण करके यह मापता है कि वनस्पति कितनी स्वस्थ या विकसित होने के लिए जूझ रही है।

कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि उपग्रह सेंसर इस परावर्तित प्रकाश को मापते हैं, जिससे फसलों की स्थिति का सटीक विश्लेषण संभव हो पाता है।

अधिकारी ने रविवार को कहा, ‘अब से सूखे को छोड़कर प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल क्षति के लिए सहायता पारंपरिक फील्ड सर्वे के बजाय उपग्रह चित्रों और एनडीवीआई मापदंडों के आधार पर प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘इस प्रौद्योगिकी का उपयोग फसल बीमा उद्देश्यों के लिए भी किया जाएगा, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल के नुकसान और वनस्पति को हुए नुकसान का सटीक आकलन किया जा सकेगा।’

भाषा

शुभम नरेश

नरेश


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