मनोज कुमार को संगीत का शौक था: अनुभवी संगीतकार आनंदजी विरजी शाह
मनोज कुमार को संगीत का शौक था: अनुभवी संगीतकार आनंदजी विरजी शाह

मुंबई, छह अप्रैल (भाषा) अनुभवी संगीतकार आनंदजी विरजी शाह ने दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार को याद करते हुए कहा कि दिग्गज अभिनेता और फिल्म निर्माता ने अपनी फिल्मों में कहानी और गीतों के माध्यम से भारत को पूरी ईमानदारी के साथ दर्शाया है।
कल्याणजी वीरजी शाह और उनके भाई आनंदजी वीरजी शाह के कुमार के साथ बहुत अच्छे संबंध रहे हैं।
कल्याणजी-आनंदजी ने कुमार की कई फिल्मों जैसे ‘‘हिमालय की गोद में’’(1965), “उपकार’’ (1967), ‘‘पूरब और पश्चिम’’ (1970), और ‘‘कलयुग और रामायण’’ (1987) में संगीत दिया है।
देशभक्ति फिल्मों के लिए ‘भारत कुमार’ के नाम से मशहूर मनोज कुमार का शुक्रवार सुबह मुंबई में निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे।
आनंदजी ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मनोज कुमार एक शानदार निर्देशक थे। उन्हें संगीत का शौक था। वह संपादन करने और कहानियां लिखने में भी कुशल थे और उन्हें भारत के इतिहास का गहरा ज्ञान था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब उन्होंने अपनी फिल्मों में भारत को दर्शाया, चाहे वह ‘पूरब और पश्चिम’ हो या ‘उपकार’ हो। वह कहानी और गीतों के माध्यम से अपने चित्रण और भावनाओं में ईमानदार रहे हैं और यही कारण है कि वह लोगों के साथ जुड़ गए। वह अपने काम के प्रति बहुत समर्पित थे और अगर कोई उन्हें कुछ सुझाव भी देता तो वह इससे कभी भी परेशान नहीं होते थे।’’
भाषा प्रीति रंजन
रंजन