Maratha reservation Kya Hai: महाराष्ट्र में नहीं लागू होगा मराठा आरक्षण? जानिए क्यों हर बार अधूरी रह जाती है मराठाओं की मांग

महाराष्ट्र में नहीं लागू होगा मराठा आरक्षण? जानिए क्यों हर बार अधूरी रह जाती है मराठाओं की मांग! Maratha reservation Kya Hai

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  • Publish Date - October 31, 2023 / 11:20 AM IST,
    Updated On - October 31, 2023 / 11:20 AM IST

मुंबई: Maratha reservation Kya Hai धधकती आग…धुएं का गुबार…तोड़फोड़…और पथराव…की ये तस्वीरें NCP अजित पवार गुट के विधायक प्रकाश सोलंके के घर की हैं। आरोप है कि सोलंके ने मराठा आरक्षण समर्थक नेता मनोज जारंगे के खिलाफ बयान दिया था, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद वो प्रदर्शनकारियों के निशाने पर हैं। मनोज जारंगे खुद भूख हड़ताल पर हैं, जिनसे हड़ताल वापस लेने की अपील मुख्यमंत्री सिर्फ यही घर नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के कई इलाकों में मराठा आरक्षण की आग फैलती ही चली जा रही है।

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Maratha reservation Kya Hai नेताओं में खलबली का आलम ये है कि हिंगोली के सांसद हेमंत पाटिल के कथित इस्तीफे की चिट्ठी वायरल है और दो हफ्ते के भीतर एक दर्जन लोगों ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर खुदकुशी की ख़बर है। बिगड़ते हालात को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ाते हुए NCP शरद पवार गुट ने राज्यपाल रमेश बैस से मिल कर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

मराठा आरक्षण की मांग कोई नई नहीं

मौजूदा डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सीएम रहते 16 फीसदी मराठा आरक्षण की घोषणा की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे मई 2021 में खारिज कर दिया। अप्रैल 2023 में सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका भी खारिज हो गई। सरकार ने इसके बाद मराठवाड़ा में मराठों को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देने की योजना बनाई, लेकिन इससे विदर्भ का OBC समुदाय बिदक गया। अब एक और कमेटी बनाई गई है, जो इस साल दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट देगी।

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महाराष्ट्र में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में मराठा आरक्षण बड़ा चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है। हिंसक प्रदर्शन और सुसाइड के बढ़ते मामले अभी से महाराष्ट्र सरकार की मुसीबत बढ़ा रहे हैं। ऐसे में इसका समाधान क्या हो? इसे लेकर केंद्र सरकार भी फिक्रमंद है।

मराठाओं की मांगें क्या हैं?

मराठाओं में जमींदारों और किसानों के अलावा अन्य लोग भी शामिल हैं। अनुमान है कि महाराष्ट्र में मराठाओं की आबादी 33 फीसदी के आसपास है। ज्यादातर मराठा मराठी भाषी होते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि हर मराठी भाषा मराठा हो। मराठा आरक्षण को लेकर जो अभी आंदोलन चल रहा है, उसकी शुरुआत 1 सितंबर से हुई है। ये लोग मराठाओं के लिए ओबीसी का दर्जा मांग रहे हैं।

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इनका दावा है कि सितंबर 1948 तक निजाम का शासन खत्म होने तक मराठाओं को कुनबी माना जाता था और ये ओबीसी थे। इसलिए अब फिर इन्हें कुनबी जाति का दर्जा दिया जाए और ओबीसी में शामिल किया जाए। कुनबी, खेती-बाड़ी से जुड़ा समुदाय है। इसे महाराष्ट्र में ओबीसी में शामिल किया गया है। कुनबी जाति के लोगों को सरकारी नौकरियों से लेकर शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण मिलता है। अनशन पर बैठे मनोज जरांगे का कहना है कि जब तक मराठियों को कुनबी जाति का सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

 

 

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