धन और वोट के बारे में मंत्री का बयान लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है: सपकाल

धन और वोट के बारे में मंत्री का बयान लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है: सपकाल

धन और वोट के बारे में मंत्री का बयान लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है: सपकाल
Modified Date: November 29, 2025 / 09:29 pm IST
Published Date: November 29, 2025 9:29 pm IST

मुंबई, 29 नवंबर (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने राज्य में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन की आलोचना करते हुए शनिवार को दावा किया कि एक मंत्री द्वारा मतदाताओं से सार्वजनिक रूप से यह अपील करना कि ‘‘किसी का भी पैसा ले लो, लेकिन वोट हमें दो’’ वोट खरीदने की बात स्वीकार करने के समान है।

सपकाल ने बुलढाणा में संवाददाताओं से कहा कि इसने सत्तारूढ़ गठबंधन की लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उपेक्षा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गठबंधन की ‘वोट के लिए नकदी वाली राजनीतिक संस्कृति’ को भी उजागर किया है।

सपकाल ने दावा किया, ‘अगर मंत्री खुलेआम इस तरह के बयान दे रहे हैं, तो यह कांग्रेस और राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी के आरोपों को पुष्ट करता है।’

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स्थानीय निकाय चुनावों के लिए सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस, शिवसेना (उबाठा) और राकांपा (एसपी) वाले महा विकास आघाडी (एमवीए) के भीतर टकराव की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे चुनाव अनिवार्य रूप से जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित होते हैं, जिनमें से कई अपने बल पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए, कांग्रेस और एमवीए के अन्य घटक स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर संयुक्त रूप से या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं। शरद पवार और उद्धव ठाकरे, दोनों को इन फैसलों के बारे में सूचित कर दिया गया है। गठबंधन के भीतर असंतोष का कोई सवाल ही नहीं है।’

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप


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