महाराष्ट्र में फसल बीमा योजना में मामूली अनियमितताएं देखी गईं : मंत्री मणिकराव कोकाटे

महाराष्ट्र में फसल बीमा योजना में मामूली अनियमितताएं देखी गईं : मंत्री मणिकराव कोकाटे

महाराष्ट्र में फसल बीमा योजना में मामूली अनियमितताएं देखी गईं :  मंत्री मणिकराव कोकाटे
Modified Date: January 24, 2025 / 09:21 pm IST
Published Date: January 24, 2025 9:21 pm IST

जालना, 25 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा है कि किसानों के लिए एक रुपये की फसल बीमा योजना में केवल दो से तीन प्रतिशत अनियमितताएं हुई हैं, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता कोकाटे ने बृहस्पतिवार रात यहां संवाददाताओं से कहा कि योजना में अनियमितताओं का मतलब यह नहीं है कि इसमें भ्रष्टाचार शामिल है।

कोकाटे ने कहा, ‘‘फसल बीमा योजना में भ्रष्टाचार नहीं है, लेकिन इसमें केवल दो से तीन प्रतिशत अनियमितताएं ही देखी गईं। अनियमितताओं का मतलब यह नहीं है कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। ’’

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इन मुद्दों के समाधान के लिए कदम उठाए हैं, जिनमें जांच समिति का गठन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने तथा दुरुपयोग को रोकने के लिए किसान पहचान-पत्र की शुरुआत शामिल है।

फसल बीमा योजना 2023 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा पेश की गई थी। इस योजना के तहत किसान मात्र एक रुपये में फसल बीमा करा सकते हैं। योजना से पहले किसानों को बीमा प्रीमियम का दो प्रतिशत कंपनी को देना पड़ता था।

हालांकि, इस योजना की तब आलोचना हुई जब समीक्षा में चार लाख से अधिक फर्जी आवेदकों का पता चला। कोकाटे ने पहले कथित तौर पर कहा था कि हर सरकारी योजना में तीन से चार प्रतिशत भ्रष्टाचार है।

शिवसेना नेता और राज्य मंत्री दादा भुसे द्वारा नासिक के प्रभारी मंत्री का पद न मिलने पर असंतोष व्यक्त किए जाने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कोकाटे ने कहा कि इसके बजाय भुसे को अपने मंत्री पद के कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

भुसे ने नासिक का प्रभारी मंत्री बनने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन यह पद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी सहयोगी भाजपा के गिरीश महाजन को दे दिया गया।

बाद में सरकार ने सहयोगी दलों के बीच मतभेद के चलते नासिक और रायगढ़ के प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी थी।

भाषा रवि कांत रवि कांत माधव

माधव


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