मनसे कार्यकर्ता पुणे नगर निगम आयुक्त के कक्ष में जबरदस्ती घुसे

मनसे कार्यकर्ता पुणे नगर निगम आयुक्त के कक्ष में जबरदस्ती घुसे

मनसे कार्यकर्ता पुणे नगर निगम आयुक्त के कक्ष में जबरदस्ती घुसे
Modified Date: August 7, 2025 / 12:35 am IST
Published Date: August 7, 2025 12:35 am IST

पुणे, छह अगस्त (भाषा) पुणे नगर निगम में बुधवार शाम को उस समय नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला जब राज ठाकरे नीत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के एक पूर्व पार्षद किशोर शिंदे और उनके समर्थक नगर निगम आयुक्त नवलकिशोर राम के कक्ष में जबरन तब दाखिल हो गए जब वह एक बैठक को संबोधित कर रहे थे।

स्थिति तब बिगड़ गई जब राम ने कथित तौर पर पूर्व पार्षद किशोर शिंदे को हिंदी में अपने कार्यालय से बाहर जाने के लिए कहा, जिस पर शिंदे ने आपत्ति जताई और मराठी में बात करने की मांग की।

मामला बढ़ने पर सुरक्षाकर्मियों ने शिंदे और उनके समर्थकों को कार्यालय से बाहर निकाला। बाद में उन्हें शिवाजीनगर पुलिस थाना ले जाया गया।

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पुलिस शिंदे और पार्टी के अन्य सदस्यों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 132 (किसी लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत मामला दर्ज कर रही है।

शिंदे और उनके समर्थक नगर निगम आयुक्त के कार्यालय पहुंचे और मीडिया में छपी उन खबरों पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें दावा किया गया था कि पीएमसी आयुक्त के आधिकारिक आवास से कुछ सामान राम के वहां स्थानांतरित होने से पहले गायब हो गए थे।

राम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मैं एक बैठक में व्यस्त था, तभी कुछ लोग (जिनमें शिंदे भी शामिल थे) केबिन में घुस आए। मैं उनसे मराठी में बात कर रहा था और उनके व्यवहार पर सवाल उठाया तथा उन्हें हिंदी में बाहर जाने को कहा। उन्होंने उसी एक वाक्य को तूल देकर मराठी-हिंदी का मुद्दा बना दिया। उन्होंने मुझे धमकाया और मेरे साथ बदसलूकी करने की कोशिश की। उनका व्यवहार बेहद आपत्तिजनक और अभद्र था।’’

शिंदे ने हालांकि दावा किया कि राम ने उन्हें ‘मनसे का गुंडा’ कहा था।

जब शिंदे से पूछा गया कि क्या उन्होंने राम के साथ अभद्रता की तो मनसे नेता ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा सकती है।

भाषा धीरज देवेंद्र

देवेंद्र


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