एमवीए को शक्तिपरीक्षण कराने के लिए राज्यपाल के पत्र के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाना पड़ेगा : चह्वाण

एमवीए को शक्तिपरीक्षण कराने के लिए राज्यपाल के पत्र के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाना पड़ेगा : चह्वाण

एमवीए को शक्तिपरीक्षण कराने के लिए राज्यपाल के पत्र के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाना पड़ेगा : चह्वाण
Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 pm IST
Published Date: June 29, 2022 10:26 am IST

मुंबई, 29 जून (भाषा) वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चह्वाण ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को 30 जून को शक्ति परीक्षण का सामना करने के लिए कहने वाले राज्यपाल बी एस कोश्यारी के पत्र के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाना पड़ेगा।

राज्यपाल कोश्यारी ने महाराष्ट्र के विधानसभा सचिव से बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे शिवसेना नीत सरकार का शक्ति परीक्षण कराने को कहा है।

चह्वाण ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 11 जुलाई तक मामले पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा है।

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वह उच्चतम न्यायालय के उस कदम का जिक्र कर रहे थे जिसमें उसने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ शिवसेना के बागी विधायकों को राहत प्रदान करते हुए सोमवार को कहा था कि संबंधित विधायकों की अयोग्यता पर 11 जुलाई तक फैसला नहीं लिया जाना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘एमवीए को शक्ति परीक्षण कराने के लिए राज्यपाल के पत्र के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करना पड़ेगा। विधानसभा के उपाध्यक्ष को शिवसेना विधायक दल में विभाजन को स्वीकार करना पड़ेगा। बागी विधायकों को एक पत्र देना होगा कि उनके पास विधायक दल के दो-तिहाई सदस्यों का समर्थन है और उन्होंने एक अन्य पार्टी के साथ विलय कर लिया है।’’

चह्वाण ने कहा कि अगर बागी विधायक एमवीए सरकार द्वारा पेश विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करते हैं तो उन्हें अयोग्य करार दिया जाएगा।

इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को राज्यपाल के पत्र से पैदा हुई स्थिति पर चर्चा करने के लिए एमवीए नेताओं की एक बैठक बुलायी।

शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि वह शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार के खिलाफ शक्ति परीक्षण के लिए बृहस्पतिवार को मुंबई पहुंचेंगे।

भाषा गोला मनीषा

मनीषा


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